CG News: पिछले तीन दिनों से डीएनके मैदान पर अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर रिमझिम बारिश के बीच धरने पर बैठे छत्तीसगढ़ प्रदेश रसोईया विकास महासंघ ने सरकार व प्रशासन को अब अल्टीमेटम दे दिया है कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वह उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। धरना स्थल पर उपस्थित रसोइयों ने कहा कि, वे वर्षों से न्यूनतम मानदेय में काम कर रहे हैं, जबकि अब उनसे पूर्णकालिक कार्य लिया जा रहा है।
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे जिलाध्यक्ष सगराम मरकाम, जिला सचिव शंभूलाल मरकाम, कुमार सिंह मरकाम और संरक्षक दयालु भारद्वाज सहित संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि, सरकार के चुनावी वादे के अनुरूप 50 प्रतिशत मानदेय वृद्धि शीघ्र दी जानी चाहिए। इसके साथ ही अंशकालिक से पूर्णकालिक रूप से कार्यरत रसोइयों को कलेक्टर दर पर भुगतान किया जाए और बिना कारण किसी भी रसोइया को कार्य से बाहर न किया जाए।
प्रदर्शनकारी रसोइयों ने बताया कि,जिले में लगभग 3000 रसोइया वर्षों से मध्यान्ह भोजन योजना को सुचारु रूप से चला रहे हैं। वर्ष 1995 से सेवा में लगे कई रसोइयों से पहले केवल तीन घंटे का कार्य लिया जाता था। लेकिन अब पूरे दिन की ड्यूटी के बावजूद उन्हें मात्र 60 रुपए प्रति दिन के दर से मानदेय मिल रहा है। उन्होंने कहा कि, यदि कलेक्टर दर पर भुगतान संभव नहीं है तो इतना मानदेय अवश्य दिया जाए जिससे वे अपने परिवार का भरण-पोषण और बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठा सकें, आज सरकार के किसी भी कर्मी को 60 रुपए का भुगतान नहीं होता हैं।
CG News: इधर, जिला में संचालित स्कूलों की बात करें तो, बीते दो दिन से मध्यान भोजन नहीं बन पाया। कुछ जगहों पर बच्चों को सूखा राशन या वैकल्पिक खाद्य सामग्री वितरित की गई, जबकि अन्य स्कूलों में स्व सहायता समूहों के माध्यम से भोजन तैयार कराया गया।
Updated on:
31 Jul 2025 03:07 pm
Published on:
31 Jul 2025 03:06 pm