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दुर्गापुर स्टील प्लांट सहित सेल के तीन इकाई प्लान्ट बेचेगी सरकार

नीजिकरण करने की दिशा में केन्द्र सरकार की पहल  

kolkata
दुर्गापुर स्टील प्लांट सहित सेल के तीन इकाई प्लान्ट बेचेगी सरकार

केन्द्र सरकार ने भारतीय ईस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (सेल) के तीन विशेष ईस्पात उत्पादन करने वाले इकाई का सौ प्रतिशत शेयर नीजि कंपनियों से बेचने का फैसला किया है। इसमें से एक सेल का दुर्गापुर ईस्पाट इकाई शामिल है। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने इसके लिए विक्रय और विनिवेश और जन संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) को अनुमति दे दिया है। डीआईपीएएम ने सेल की उक्त तीन इकाईयों को बेचने के लिए प्रामर्शदाता की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

कोलकाता

केन्द्र सरकार ने भारतीय ईस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (सेल) के तीन विशेष ईस्पात उत्पादन करने वाले इकाई का सौ प्रतिशत शेयर नीजि कंपनियों से बेचने का फैसला किया है। इसमें से एक सेल का दुर्गापुर ईस्पाट इकाई शामिल है। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने इसके लिए विक्रय और विनिवेश और जन संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) को अनुमति दे दिया है। डीआईपीएएम ने सेल की उक्त तीन इकाईयों को बेचने के लिए प्रामर्शदाता की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सरकार ने सेल के जिन तीन इस्पात की इकाईयों का चयन किया है वे कर्नाटक के भद्रवति स्थित विश्वेश्वर्य आईरन एण्ड स्टील प्लांट, तमिलनाडू के सालेम स्टील प्लांट और पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर स्थित अलोय स्टील प्लांट हैं। सेल के उक्त तीनों इस्पात इकाई लागातार घाटे में चल रही हैं। केन्द्र सरकार ने विनिवेश करने की रणनीति के तहत इनके 100 प्रतिशत शेयर नीजि कंपनियों से बेचने का फैसला किया है। सूत्रों ने बताया कि दो स्तरीय नीलामी के तहत इन इकाईयों के रणनीतिक खरीदार की पहचान की जाएगी। ईस्पात के बाजार में फिर से उछाल आने के कारण सरकार को तीनों इकाईयों की अच्छी कीमत मिलेगी। सूत्रों ने बताया कि केन्द्र सरकार जल्द से जल्द इस सौदे की प्रक्रिया पूरी करना चाहती है, जिससे वित्त वर्ष 2019-20 में 80000 करोड़ रुपए तक प्राप्त करने का लक्ष्य है। अब तक विनिमेश की प्रक्रिया 50000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। दूसरी ओर जेएसडब्ल्यू स्टील, वेदान्ता, टाटा स्टील और अरसेलर मित्तल जैसी इस्पात क्षेत्र की कंपनियां नई संपत्ति खरीदने के फिराक में हैं, लेकिन इतनी बड़ी रकम जुटाना इनके लिए आसान नहीं होगा। कर्नाटक के भद्रवति स्थित विश्वेश्वर्य आईरन एण्ड स्टील प्लांट की स्थापना मैसूर के तत्कालीन शासक की ओर से वर्ष 1923 में किया था। तब इसका नाम मैसूर आयरन वक्र्स था। अलोय और पिग आयरन उत्पादन करने के लिए वर्ष 1997 में सेल ने 1997 में इसका अधिग्रहण किया था। तमिलनाडू के सालेम स्टील प्लांट भी सेल का पुराना इकाई है, जो उच्च स्तरीय स्टेनलेस स्टील उत्पादन करता है।