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जहां से जगी आजादी की अलख, वो कर्मवीर बन गया कॉम्प्लेक्स, गांगुली हाउस के भी न हो जाए ये हाल

धरोहर सहेजे सरकार... -इंदौर के राजबाड़ा को खरीदकर बनाया धरोहर, किशोर के पैतृक बंगले से परहेज क्यों -किशोर कुमार के बंगले को स्मारक बनाने की मांग

खंडवा

Manish Arora

Aug 03, 2025

kishore kumar
खंडवा. किशोर कुमार का पैतृक बंगला जर्जर हाल में।

खंडवा की शान रहे पं. माखनलाल चतुर्वेदी और गायक किशोर कुमार की स्मृतियों को सहेजने में सरकार ने कभी कोई रूचि नहीं दिखाई। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, राष्ट्रकवि, पद्म विभूषण पं. माखनलाल चतुर्वेदी ने जहां से आजादी की अलख जगाई, वह कर्मवीर प्रेस आज कॉम्प्लेक्स बन चुकी है। किशोर कुमार के पैतृक बंगले गांगुली हाउस भी शिखस्ता भवन की श्रेणी में शामिल हो चुका है, जो कभी भी गिर सकता है। किशोर दा के वारिस इसे बेचने के प्रयास में है। किशोर कुमार का पैतृक बंगला भी कहीं कर्मवीर की तरह एक व्यवसायिक इमारत न बनकर रह जाए।

पाकिस्तान सरकार ने पेशावर में दिलीप कुमार और राज कपूर के बंगले को धरोहर के रूप में सहेजा है। इसके लिए पाकिस्तान सरकार ने बकायदा दिलीप कुमार और राज कपूर के वारिसों से हवेलियों की कीमत देकर खरीदकर स्मारक बनाया। मप्र की आर्थिक राजधानी की पहचान राजबाड़ा भी होल्कर परिवार की संपत्ति रहा। इंदौर की जनता की मांग पर सरकार ने होल्कर परिवार को कीमत देकर इसका संरक्षण किया। आज राजबाड़ा इंदौर की अपनी पहचान बन चुका है। किशोर कुमार के प्रशंसकों की भी ये ही मांग है कि सरकार किशोर दा के बंगले को खरीदे और उसे धरोहर के रूप में संरक्षित करें।

इसे मुहिम के रूप में लेना होगा
देशभर में किशोर प्रशंसक उनकी जयंती, पुण्यतिथि पर यहां आते है और जर्जर मकान को देखकर दु:खी होते है। कुछ प्रशंसकों ने तो इसके लिए मुहिम भी छेड़ रखी है। खंडवावासियों को भी इसे मुहिम के रूप में लेना होगा।
नारायण बाहेती, सचिव किशोर प्रेरणा मंच

सभी को प्रयास करने होंगे
किशोर दा के पैतृक बंगले को स्मारक के रूप में बनाया जाना चाहिए। प्रशासन अपने प्रयास कर रहा है। सरकार तक हमें अपनी बात पहुंचाना होगी। इस बंगले का संरक्षण हो इसके लिए सभी को सामूहिक रूप से प्रयास करना होंगे।
आशीष चटकेले, एमआईसी सदस्य

सरकार चाहे तो बन जाए स्मारक
पाकिस्तान सरकार जब दिलीप कुमार, राज कपूर की हवेली खरीदकर संजो सकती है तो हमारी सरकार यह क्यों नहीं कर सकती। सरकार चाहे तो किशोर दा का पैतृक बंगला स्मारक बन सकता है।
सुनील जैन, समाजसेवी

सिर शर्म से झुक जाता है
किशोर दा के पैतृक निवास की जीर्णशीर्ण अवस्था को देखकर प्रशंसकों का सिर शर्म से झुक जाता है। सरकार इस पैतृक निवास को अधिगृहित कर जिर्णोद्धार कर यादों को संजोकर रखा जाए, यही सभी किशोर प्रशंसक चाहते हैं ।
आनंद जोशी, किशोर प्रशंसक

फनी मुड सेड हो गया
इंदौर से विशेषकर किशोर दा के जन्मदिन के कार्यक्रम के लिए आईं थीं। किशोर दा के बंगले में जाते समय बड़ा फनी मुड था, जब बंगले की हालत देखी तो सेड हो गई। सरकार द्वारा बंगले का संरक्षण किया जाना चाहिए।
आरजे चारू, इंदौर से आईं प्रशंसक

मिलकर करेंगे प्रयास
किशोर दा इस शहर की ही नहीं, देश की भी पहचान है। किशोर दा के पैतृक बंगले का संरक्षण हर हाल में होना चाहिए, ताकि आने वाली पीढिय़ों को उनके बारे में बताया जा सके। हम सब मिलकर इसके लिए प्रयास करेंगे।
अतुल अत्रिवाल, किशोर प्रेरणा मंच