पड़ोसी देश पाकिस्तान ने पेशावर स्थित लिजेंड्री एक्टर राज कपूर और दिलीप कुमार (युसूफ खान) की पैतृक हवेलियों को धरोहर के रूप में सहज रखा है। दुनियाभर में खंडवा का नाम रोशन करने वाले हरफनमौला कलाकार, गायक, किशोर कुमार के पैतृक बंगले का सरकार सहज नहीं पा रही है। प्रशासन ने इस मामले में पहल जरूर की, लेकिन किशोर कुमार के वारिसों ने इतनी कीमत लगा दी कि कदम पीछे हटाना पड़ गए।
13 अक्टूबर 1987 में किशोर दा का निधन मुंबई में हुआ था। उनकी अंतिम इच्छा अनुसार उनका शव खंडवा लाया गया और यहां अंतिम संस्कार के बाद समाधि भी बनाई गई। देश और दुनिया भर के किशोर दा प्रशंसक उनकी जन्मतिथि 4 अगस्त और पुण्यतिथि 13 अक्टूबर को खंडवा पहुंचते हैं। जहां किशोर समाधि पर शीश झुकाकर आनंदित होते है, वहीं किशोर दा के बंगले की हालत देखकर दु:खी होकर जाते है। किशोर दा का पैतृक बंगला जहां उनका जन्म हुआ था उसे स्मारक के रूप में देखने की मांग भी देशभर के प्रशंसक करते आ रहे है। सरकार ने इस ओर कभी पहल नहीं की। साथ ही उनके वारिसों ने भी अपने पैतृक बंगले को सहेजने की कभी कोशिश नहीं की। खंडवा के एमजी रोड बांबे बाजार स्थित यह बंगला आज जर्जर होकर शिकस्ता भवन की सूची में शामिल है।
तत्कालीन कलेक्टर ने की थी पहल
वर्ष 2017-18 में तत्कालीन कलेक्टर विषेश गढ़पाले ने किशोर दा के बंगले के अधिग्रहण के लिए प्रयास शुरू किए थे। उन्होंने किशोर सांस्कृतिक प्रेरणा मंच के अध्यक्ष रणवीर सिंह चावला और सचिव नारायण बाहेती को जिम्मेदारी भी सौंप थी। तब किशोर प्रेरणा मंच के पदाधिकारी मुंबई पहुंचे और किशोर दा के वारिस अनूप कुमार के पुत्र अर्जुन और किशोर दा के पुत्र अमित कुमार से संपर्क किया था। तब उन्होंने 9-10 करोड रुपए की कीमत इस बंगले की लगाई थी। तत्कालीन कलेक्टर विषेश गढ़पाले द्वारा सांस्कृतिक विभाग से इसके लिए चर्चा चल ही रही थी कि उनका तबादला हो गया और यह मामला आधार में चला गया।
कलेक्टर गुप्ता ने भी किए प्रयास
इसी साल फरवरी में कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने भी इसके लिए प्रयास शुरू किया। उन्होंने किशोर दा के प्रशंसक को और किशोर सांस्कृतिक प्रेरणा मंच के सदस्यों की बैठक भी ली थी और बंगले के अधिग्रहण को लेकर चर्चा की। इसके लिए संयुक्त कलेक्टर अंशु जावला और किशोर सांस्कृतिक प्रेरणा मंच के सदस्यों को मुंबई में किशोर दा के वारिसों से संपर्क कर बंगले के अधिग्रहण की चर्चा करने को कहा गया था। प्रशासन ने किशोर दा के वारिसों से संपर्क किया और यहां किशोर संग्रहालय बनाने के लिए बंगले के अधिकरण की चर्चा की। किशोर दा के वारिसों ने मार्केट प्राइस से जमीन की कीमत मांग ली, जो करीब 15 करोड रुपए है। इतनी बड़ी रकम के चलते प्रशासन को अपने कदम पीछे हटाने पड़े हैं।
प्रशासन के पास इतना बजट नहीं
किशोर कुमार के पैतृक मकान के अधिग्रहण के लिए उनके वारिसों से संपर्क किया था। वह बहुत ज्यादा कीमत मांग रहे हैं, प्रशासन के पास इतना बजट नहीं है। सांस्कृतिक विभाग मकान अधिग्रहण के लिए बजट नहीं देता हैं। बंगला अधिग्रहण हो जाए तो स्मारक के लिए सांस्कृतिक विभाग बजट दे सकता है।
ऋषव गुप्ता, कलेक्टर
मिलकर कर सकते हैं प्रयास
प्रशासन की पहल पर बंगले के लिए किशोर दा के वारिसों से एक बार चर्चा हुई थी, वह इसकी कीमत मांग रहे है। सरकार कुछ कदम बढ़ाए तो किशोर दा के प्रशंसक भी आर्थिक रूप से सहयोग करने को तैयार है।
रणवीरसिंघ चावला, अध्यक्ष किशोर सांस्कृतिक प्रेरणा मंच
सबको मिलकर पहल करना होगी
किशोर दा के वारिस आर्थिक कारणों से बंगले को बेचना चाहते है। सबको मिलकर इसके लिए पहल करना होगी। सरकार कुछ मदद करें, प्रशासन कुछ मदद करें और सभी प्रशंसक मिलकर ही कुछ कर सकते है।
प्रदीप जैन, उद्घोषक, किशोर प्रशंसक
Published on:
02 Aug 2025 12:15 pm