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आयुष्मान : MP में 116 वर्ष के बुजुर्ग का बना कार्ड, न अभिलेख, न अंगूठा…फेस रीडिंग से बनी जीवन की आशा

70 प्लस कैटेगरी में 60 हजार 388 में से 24 हजार 550 के कार्ड बनाए गए हैं। इसमें 10 हजार बुजुर्ग नहीं मिल रहे हैं। इसमें पलायान, मृतक समेत अन्य शामिल हैं।

खंडवा

Rajesh Patel

Aug 04, 2025

Ayushman Card
खंडवा : कोठी गांव में 116 साल के बुजुर्ग मनमोहन सिंह राजपूत का अंगूठा मैच नहीं होने पर फेस रीडिंग से बनाया गया कार्ड

ह्यूमन एंगल स्टोरी : 95 से 116 साल के बुजुर्गों के अंगूठे की लकीरें मिटीं, आयुष्मान कार्ड बनते ही चहक उठे चेहरे, बैसाखी-व्हीलचेयर पर जिंदगी, उंगुलियों की लकीरें मिट गईं। न अंगूठा न कोई अभिलेख, फिर भी मशीनें पहचान गईं। हम बात कर रहे हैं 116 साल के बुजुर्ग मनमोहन सिंह राजपूत की।

उंगुलियों के निशान घिसने से लाभ नहीं मिल रहा था

ओंकारेश्वर क्षेत्र में कोठी के धाबडिया गांव निवासी मनमोहन सिंह की जन्म तिथि 1909 है। लंबे समय से उंगुलियों के निशान घिसने से ऑनलाइन योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा था। सरकारी योजना में मनमोहन की जिंदगी के निशान एक बार फिर से दर्ज हो गए। कभी लकीरें घिस गईं थीं, और अब पहचान बनी तो चेहरे खिल उठे। ये कहानी अकेले मनमोहनसिंह की नहीं बल्कि गांव के जिले में 70 प्लस दस हजार से अधिक बुजुर्गों की है। इसी तरह मांगीबाई का आयुष्मान कार्ड बनते ही चेहरा खिल उठा। बोली कि अब मेरा इलाज फ्री में होगा

सन लाइट से पूरी हुई फेस रीडिंग की प्रक्रिया

पुनासा तहसील के नोडल कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सुनील नागराज ने बताया कि 116 साल के बुजुर्ग मनमोहन सिंह राजपूत का अंगूठा सत्यापित नहीं होने से तीन बार टीम लौटी। ओटीपी से प्रयास किया। आधार में मोबाइल नंबर दर्ज नहीं था। कमरे में बल्ब की रोशनी काम नहीं किया। आई भी धुंधली होने से मशीन पहचान नहीं पाई। दुबारा धूप में बिठाया तो फेस रीडिंग से चेहरे को मशीन पहचान गईं। ऑनलाइन आयुष्मान कार्ड जनरेट हो गया।

आयुष्मान कार्ड बनते ही चहक उठे चेहरे...

पर्वत सिंह मोहनसिंह, गजराबई शोभारा, शोभाराम छोंगलाल, पैरा बाई शर्मा, सवित्रीबाई धनसिंह, सुखाराम जगरसिंह, मांगीबाई फूलचंद्र, सीताबाई कालू, चंपाबाई मोतीलाल, कंचनबाई पेमाजी, सुमनबाई पर्वतसिंह, मनोहरदास बजरंगदास।आयुष्मान कार्ड बनते ही चहक उठे चेहरे,

70 प्लस : 45 हजार से अधिक कार्ड जनरेट

70 प्लस कैटेगरी में 60 हजार 388 में से 24 हजार 550 के कार्ड बनाए गए हैं। इसमें 10 हजार बुजुर्ग नहीं मिल रहे हैं। इसमें पलायान, मृतक समेत अन्य शामिल हैं। तीसरी कैटेगरी भवन में निर्माण कार्य में 53 हजार 824 का लक्ष्य है। 45 हजार बनाए जा चुके हैं। इसके अलावा जिले में सभी कैटेगरी के 9.97 लाख से 9.65 लाख के कार्ड जनरेट हो चुके हैं।

सीएमएचओ बोले...घर-घर पहुंच रही टीम

70 प्लस और धरती आबा में प्रत्येक परिवारों के घर टीम पहुंच रही है। इसमें विशेष कैटेगरी के कार्ड बनाने के लिए गांव-गांव टीम कार्य कर रही है। स्वास्थ्य, पंचायत, राजस्व, खाद्य, कृषि समेत सभी विभागों के अधिकारियों को जिला प्रशासन की ओर से नोडल बनाया गया है। लक्षित परिवारों के साथ गांव-गांव की जिम्मेदारी गई है।डॉ ओपी जुगतावत, सीएमएचओ