खंडवा. यहां का इतिहास समृद्ध रहा है। स्वतंत्रता संग्राम में यहां का योगदान रहा है। महात्मा गांधी भी खंडवा आए थे। वे यहां नागड़ा विला से बॉम्बे बाजार मार्ग से होते हुए घंटाघर स्थित सभास्थल पर आए। जहां उन्होंने भारी भीड़ को संबोधित किया और यह सब खंडवा के इतिहास के पन्नों में स्वर्णिंम अध्याय में दर्ज हो गया। विनोद एस सातले अपनी खंडवा की डायरी में लिखते हैं कि रायचंद नागड़ा ने स्वयं अपने कैमरे से इन ऐतिहासिक क्षणों को कैद किया जो अब अमूल्य धरोहर है। गांधीजी बॉम्बे बाजार से गुजरे, इसलिए इसे बाद में महात्मा गांधी मार्ग और घंटाघर चौक को गांधी चौक नाम दिया गया। यहां से ही खंडवा में आजादी के आंदोलन का शंखनाद हुआ व इसे राष्ट्रीय पहचान मिली।
क्या आप जानते हैं?
- 9 दिसंबर 1933 को महात्मा गांधी खंडवा आए थे व नागड़ा विला में रूके थे।
- गांधीजी बकरी का दूध पीते थे। लोगों के मन के भाव थे कि दूध अच्छा हो, इसलिए बकरियों को सूखे मेवे खिलाए।
- शुद्ध व सात्विक भोजन की व्यवस्था उनके लिए यहां नागड़ा परिवार द्वारा की गई थी।
Published on:
07 Nov 2020 10:44 pm