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विडंबना… किशोर कुमार के नाम पर बना ओपन थियेटर, जहां कभी नहीं गूंजे किशोर दा के गीत

-11 साल पहले किशोर प्रशंसकों के लिए स्मारक के पास बना था भवन -बन चुका असामाजिक तत्वों का अड्ड, खिडक़ी, दरवाजे तक ले गए -पर्यटन विभाग ने 40 लाख की लागत से बनाया, अब किसके अधीन, किसी को पता नहीं

खंडवा

Manish Arora

Jul 27, 2025

kishor kumar
खंडवा. जीर्णशीर्ण अवस्था में किशोर दा के नाम बना ओपन थियेटर।

पर्यटन व संस्कृति विभाग ने किशोर कुमार के नाम पर ओपन थियेटर तो बना दिया, लेकिन इस जगह कभी भी किशोर दा के गीत नहीं गूंजे। यहां तक कि 11 साल पहले बने इस भवन का कभी लोकार्पण ही नहीं हो पाया। मामला किशोर समाधि और स्मारक के पास बने किशोर ओपन थियेटर का है। यह ओपन थियेटर जर्जर हाल में अनैतिक गतिविधियों का अड्डा बन चुका है। किशोर प्रशंसकों के लिए बने ओपन थियेटर का प्रशासन को ये भी पता नहीं कि इस भवन का मालिक कौन है।

वर्ष 2014-15 में संस्कृति एवं पर्यटन विभाग द्वारा 40-40 लाख की लागत से चार भवन शहर में बनाए थे। इसमें किशोर स्मारक के पास आबना किनारे ओपन थियेटर, सिविल लाइन स्थित किशोर सभागृह के पास ओपन थियेटर, झीलोद्यान स्थित भवन और श्री दादाजी धाम के पास भक्त निवास में कुछ कमरों का निर्माण किया गया था। ओपन थियेटर का उद्देश्य था कि यहां आने वाले पर्यटकों, स्थानीय व बाहरी कलाकारों को अपनी प्रस्तुति के लिए मंच मिलेगा। वहीं, झीलोद्यान स्थित भवन में पर्यटन विभाग द्वारा होटल खोला जाना था। विभाग ने भवन तो बना दिए, लेकिन उनका संचालन, संधारण कौन करेगा, ये तय करना भूल गया।

शराबियों की शरण स्थली बना ओपन थियेटर
किशोर स्मारक के पास बना ओपन थियेटर अब अनैतिक काम करने वालों की शरण स्थली बन चुका है। यहां असामाजिक तत्वों ने अंदर बने शौचालयों को तोड़ दिया है, यहां लगे लाइट, स्वीच बोर्ड तक निकालकर ले जा चुके है। रात में यहां शराब की महफिल सजती है। इसके साथ ही कई अनैतिक गतिविधियां भी यहां रात को हो रही है। सूनसान जगह, श्मशान के पास होने से यहां शाम होने के बाद आमजन की आवाजाही भी नहीं है। वहीं, सिविल लाइन स्थित किशोर सभागृह के पास बना ओपन थियेटर भी टूटफूट का शिकार हो चुका है।

झीलोद्यान में निगम ने बना लिया कार्यालय
पर्यटन व संस्कृति विभाग द्वारा बनाए गए दो ही भवन वर्तमान में काम आ रहे है। इसमें झीलोद्यान स्थित भवन को निगम संचालन कर रहा है। यहां निगम ने जोन कार्यालय कार्यालय संचालित हो रहा है। हालांकि इस भवन का भी निगम को हस्तांतरण नहीं हुआ है। इसकी फाइल भी निगम के पास मौजूद नहीं है। वहीं, भक्त निवास वाले कक्षों का संधारण ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है। इन दोनों भवनों की हालत ठीक है।

हमारे नॉलेज में नहीं है
किशोर स्मारक के पास बना ओपन थियेटर पयर्टन विभाग के पास नहीं है। ये किसके पास है, हमारे नॉलेज में नहीं है। यदि पर्यटन विभाग का है तो हम उसे दिखवाते है। किसी न किसी को तो हैंडओवर होना ही चाहिए।
अंशु जावला, संयुक्त कलेक्टर, ओआइसी पर्यटन विभाग