कटनी. बांग्लादेश में गरीबी और भुखमरी बच्चों को घुसपैठिया बना रही है। 40 हजार के लिए 15-16 साल के दो नाबालिग भारत-बाग्लादेश बार्डर पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को चकमा देकर गेट फांदकर भारत आ गए। एक नाबालिग वापस लौट गया तो दूसरे पिछले एक वर्ष से ही भारत में रह गया। देशभर में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी/रोहिंग्या नागरिकों की सर्चिंग के बीच कटनी पुलिस ने बांग्लादेशी नाबालिग को कटनी रेलवे स्टेशन से हिरासत में लिया। कटनी पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में नाबालिग ने वह गाजीपुर ढाका(बांग्लादेश) निवासी है। उसके पिता लॉरी ड्राइवर है। एक्सीडेंट हो जाने के कारण उसके घर में पैसों की तंंगी थी। इस दौरान घर के पास रहने वाले उसके दोस्त से संपर्क हुआ तो उसने कहा कि तुझे भारत चलना पड़ेगा वहीं 40 हजार रुपए मिलेंगे। उसका दोस्त पहले भी भारत आ चुका था। इसके बाद दोनों बांग्लादेश के जायदेवपुर स्टेशन पहुंचे और यहां से ट्रेन में बैठकर चापई नवाबगंज स्टेशन आ गए। पटरी के किनारे-किनारे चलकर बार्डर तक पहुंचे। यहां बार्डर पर बांग्लादेश का मिलट्री वाला मिला तो पूछने पर नाबालिगों ने बता दिया कि मामा से मिलने जा रहे हैं। इसके बाद दोनों लोहे का गेट को पार करके भारत की सीमा में प्रवेश कर गए। यहां मिलट्री कैंप से छिपकर खंडहर मकान में रात काटी और इसके बाद आगे बढ़ गए। ट्रेन का टिकट लेकर कलकत्ता पहुंचे तो यहां दोनों नाबालिगों की आपस में लड़ाई हो गई। इसके बाद एक नाबालिग वापस लौट गया तो दूसरा कलकत्ता में ही होटल में काम करने लगा। करीब 9 महीने तक यहां काम करने के बाद वह वापस लौटने के लिए निकाला लेकिन भोपाल और भोपाल से कटनी स्टेशन पहुंच गया।
बांग्लादेशी नाबालिग पिछले एक माह से कटनी रेलवे स्टेशन में ही भीख मांगकर अपना गुजारा कर रहा था। रात में भी वह कटनी रेलवे स्टेशन में ही सो जाता था। पुलिस की सर्चिंग के दौरान हिरासत में लिए गए नाबालिग को दस्तावेज के आभाव और प्रारंभिक जांच के आधार पर पुलिस ने उसे होल्डिंग सेंटर में रखा। इसके बाद पुलिस मुख्यालय भोपाल व विदेश मंत्रालय को सूचित कर अवैध बांग्लोदशी नाबालिग को पश्चिम बंगाल के सीमानगर पोस्ट, जिला नदिया स्थित 32वीं बीएसएफ को सौंपा, जहां से उसे बांग्लादेश सरकार की सेना के सुपुर्द किया गया।
बांग्लादेश बॉर्डर से कूदकर भारत आने का मतलब अवैध रूप से सीमा पार करना है, जिसे ‘घुसपैठ’ कहा जाता है। यह एक गंभीर अपराध है। भारत और बांग्लादेश के बीच 4096 किलोमीटर लंबी सीमा है, जिसे ‘ऑपरेशन जीरो लाइंस’ के नाम से जाना जाता है। यह दुनिया की पांचवीं सबसे लंबी स्थलीय सीमा है। सीमा पर सुरक्षा के लिए सीमा सुरक्षा बल तैनात है, जो अवैध गतिविधियों, जैसे तस्करी और घुसपैठ को रोकने के लिए काम करती है। घुसपैठ और तस्करी दोनों ही भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव का कारण बनते हैं।
अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी/रोहिंग्या नागरिकों की सर्चिंग की जा रही है। सर्चिंग के दौरान एक नाबालिग बांग्लादेशी कटनी रेलवे स्टेशन में मिला। दस्तावेज के आभाव और प्रारंभिक जांच के आधार पर पुलिस ने उसे होल्डिंग सेंटर में गया था। पुलिस मुख्यालय भोपाल व विदेश मंत्रालय को सूचित कर अवैध बांग्लोदशी नाबालिग को पश्चिम बंगाल के सीमानगर पोस्ट, जिला नदिया स्थित 32वीं बीएसएफ को सौंपा, जहां से उसे बांग्लादेश सरकार की सेना के सुपुर्द किया गया है।
अभिनय विश्वकर्मा, एसपी, कटनी
Published on:
02 Aug 2025 09:29 am