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हद है, उधर मेला हो रहा था शुरू और पीछे पीेछे हो रही थी सफाई

खानापूर्ती कर टरका दिया जाता है मेला, परेशान हैं लोग

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कासगंज। भले ही केन्द्र की नरेन्द्र मोद सरकार और यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार गंगा की साफ सफाई को लेकर तमाम बातें करती हो लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल उससे उलट है। जी हां हम बात कर रहे हैं कासगंज जिले की सोरों तीर्थनगरी के हरपदीय गंगा की मेेले की। इस कुुंड में भरे में जल की सफाई नहीं की गई, घाटों के चारों ओर गंदगी व्याप्त है। प्रशासन ने दावा किया कि एक दो दिन में सफाई पूरी तरह से हो जाएगी। पानी देर से मिला है जिससे सफाई अभियान में देरी हुई है।

हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मार्गशीर्ष मैले को लेकर तैयारियां सोरों में जोर शोर से चल रही है।कोई मैला की साज सज्जा में लगा हुआ है, तो कोई चरख झूला लगाकर मैले में चार चांद लगा रहा है। जबकि जिला प्रशासन सभी तैयारियां मुकम्मल की बात कर रहा है। लेकिन हरपदीय गंगा की सफाई करने के लिए न तो जिला प्रशासन आगे और न ही नगर पालिका सोरों, जबकि 30 नवम्बर का पहला स्नान, दूसरा स्नान तीन दिसम्बर को है।

ऐसे में हरपदीय गंगा के घाटों पर जमी गंदगी जिला प्रशासन के साथ साथ साफ सफाई का ढ़िढौरा पीटने वाली सरकारों को भी सोचना होगा। ऐसे में एडीएम राकेश कुमार ने भी नगर पालिका कर्मियों के साथ गंगा का निरीक्षण कर खानापूर्ति कर ली। गंगा नदी की सफाई नहीं की गई। जब हमने तीर्थनगरी की पालिका के जिम्मेदारी सभाले बैठे अधिशासी अधिकारी संतराम स्वरूप से बात की गई तो उन्होंने साफ सफाई की दुहाई दी। हरपदीय गंगा में तैर रही गंदगी और दावे की पोल खोल रही है। जब इस बाबत स्नान करने आए राजकुमार गोस्वामी से बात की तो उन्होंने बताया कि जिस तरह की गंगा की सफाई होनी चाहिए उस तरह की सफाई नहीं की गई है। ऊपर से गंदगी को बटोर कर खानापूर्ति की जा रही है।