Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बीमा पॉलिसी बनी हत्या की वजह, मां ने 25 साल के बेटे को प्रेमी के संग मिलकर मार डाला

यूपी के कानपुर में एक मां पैसे के लालच में कातिल बना दिया। कातिल मां ने अपने ही बेटे की हत्या करवा दी। बेटे को मां के प्रेमी का घर आना-जाना पसंद नहीं था। वह उसे रोकता-टोकता था।

3 min read
Google source verification

मां ने बेटे को मौत के घाट उतरवाया, PC- Patrika

कानपुर : यूपी के कानपुर में एक मां को पैसे के लालच ने हैवान बना दिया। हैवान बनी मां बीमा क्लेम और अवैध संबंध के चलते 25 साल के बेटे की हत्या करवा दी। बेटा मां के अवैध संबंधों के खिलाफ था। वह उसके प्रेमी को घर आने जाने से टोकता था। बस यहीं से उसकी मां और प्रेमी ने हत्या की साजिश रच डाली। फिलहाल, पुलिस ने युवक की मां और हत्या में शामिल दो और लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

मामला कानपुर के बरौर थाना क्षेत्र के अंगदपुर गांव में हुई। यहां की रहने वाली ममता सिंह ने अपने ही बेटे को मौत के घाट उतरवा दिया। पुलिस ने आरोपी मां, गैंगस्टर प्रेमी और उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी मां ने बेटे की हत्या करने की बात कबूल कर ली है। मां ममता ने बताया- 7 साल पहले उसके पति की बीमारी से मौत हो गई थी। इसके बाद उसका गांव के ही रहने वाले एक युवक से अफेयर हो गया था। उसका बेटा इस बात का विरोध करता था।

उसने बताया- पति ने मरने से पहले बेटे का 40 लाख का बीमा कराया था। मेरे लिए सिर्फ सिर्फ एक घर छोड़कर गए थे। इस बार दिवाली पर जब बेटा घर आया तो प्रेमी के साथ मिलकर उसकी हत्या का प्लान बनाया। मामला 26 अक्टूबर बरौर क्षेत्र के अंगदपुर गांव का है।

पुलिस ने बताया कि अंगदपुर गांव का रहने वाला प्रदीप शर्मा दिवाली पर अपने घर आया था। प्रदीप 5 साल से आंध्र प्रदेश में रहकर प्राइवेट नौकरी करता था। उसकी मां गांव के मकान में ही रहती थी। प्रदीप अपनी मां के साथ न रहकर अपने चाचा और बाबा के साथ रहता था।

पुलिस के मुताबिक, अंगदपुर गांव रहने वाले प्रदीप शर्मा (25) दिवाली पर अपने घर आया था। वह 5 साल से आंध्र प्रदेश में रहकर प्राइवेट नौकरी करता था। उसकी मां ममता देवी (47) गांव में ही बने मकान में रहती हैं।

हत्या को हादसा बनाने की साजिश

साजिश के तहत मां ने बेटे को घर बुलाया। इसके बाद वह उसे लेकर एक स्थान पर गई, जहां पर ऋषि और मयंक पहले से मौजूद थे। दोनों प्रदीप के सिर पर हथौड़ी से वार कर दिया। शव को हाइवे किनारे फेंक दिया, जिससे की हत्या हादसा लगे। इधर, परिजन प्रदीप की खोजबीन में जुट गए। लेकिन, प्रदीप का कही पता नहीं लगा। परिजनों ने पुलिस को प्रदीप के लापता होने की रिपोर्ट लिखवाई। इसी दौरान हाईवे किनारे पड़ा एक शव मिला, जो कि प्रदीप का था। परिजनों ने तहरीर में मयंक कटियार औऱ ऋषि कटियार को नामजद करवाया। पुलिस ने दोनों आरोपियों की तलाश शुरू कर दी।

मुखबिर की सूचना के आधार पर पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए इलाके की घेराबंदी की। आरोपी ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने उसके पैर पर गोली मारकर गिरफ्तार कर लिया। इसी शाम पुलिस ने दूसरे आरोपी मयंक को भी रायरामापुर गांव के गेट के पास से गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में आरोपियों ने कबूली हत्या की बात

पुलिस ने दोनों आरोपियों से पूछताछ की। दोनों आरोपियों ने हत्या की बात कबूल करते हुए पूरी घटना बताई। आरोपी मयंक ने बताया- प्रदीप के पिता की मौत के बाद से ही उसकी मां का मुझसे अफेयर था। हम दोनों आए दिन एक दूसरे से मिलते थे। प्रदीप को मां के अफेयर के बारे में जब पता चला तो उसने उनके साथ रहना छोड़ दिया।

मयंक ने बताया कि प्रदीप के पिता ने मरने से पहले ही 40 लाख का बीमा कराया था। इन्हीं पैसों को लेकर प्रदीप और उसकी मां ममता का झगड़ा होता रहता था। इन्हीं सब को लेकर ममता ने मेरे और मेरे भाई ऋषि के साथ मिलकर प्रदीप को रास्ते से हटाने और बीमा के पैसों को हड़पने का प्लान बनाया।