
जोधपुर रेलमंडल में ट्रैक पर लगेंगे मैटल बीम क्रैश बैरियर, पत्रिका फोटो
Indian Railways: जोधपुर रेल मंडल जोधपुर से वाया मेड़ता होकर फुलेरा, बाड़मेर-बालोतरा तथा जोधपुर से भीलड़ी सेक्शन पर मैटल बीम क्रैश बैरियर लगा रहा है ताकि ऐसे कैटल रन ओवर जैसे हादसों में जान-माल के नुकसान को काफी हद तक रोका जा सकेगा। रेलवे बोर्ड ने 4 माह पूर्व ही जोधपुर से फुलेरा व जोधपुर से जालोर-समदड़ी-धनेरा के बीच 126 किमी लंबे ट्रैक दोनों तरफ 110 करोड़ की लागत से क्रैश बैरियर लगाने को मंजूरी दी है।
इस रेलखंड में रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ मेटल क्रैश बैरियर नहीं होने के कारण जोधपुर से दिल्ली कैंट के बीच संचालित वंदे भारत ट्रेन को भी जोधपुर से जयपुर के बीच 108 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ही चलाया जा रहा है। जबकि जयपुर से दिल्ली के बीच ट्रेन फुल स्पीड पर दौड़ रही है। क्रैश बैरियर लगने के बाद वंदे भारत ट्रेन को 130 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से चलाया जा सकेगा। ऐसा ही हाल जोधपुर-साबरमती का भी है। रेल मंत्रालय ने यह काम आगामी छह महीने में पूरे करने के निर्देश दिए हैं। रेलवे ने बीते जून में जोधपुर से फुलेरा के बीच पहली बार क्रैश बैरियर के लिए 70.66 करोड़ रुपए के दो टेंडर जारी किए थे।
से उत्तर पश्चिम रेलवे ने जोधपुर जाधपुर से फुलेरा के बीच मैटल बीम क्रैश बैरियर लगाने के 70.66 करोड़ रुपए के दो टेंडर जारी किए है। इससे उम्मीद जताई जा रही है कि जोधपुर-फुलेरा के बीच क्रैश बैरियर लगाने का काम पूरा होने के बाद ट्रेनों की रफ्तार 110 से बढ़कर 130 किमी प्रति घंटा हो जाएगी। भारतीय रेलवे में रफ्तार के आधार पर ट्रैक को 3 कैटेगरी में कैटेगराइज किया है।
जयपुर रेलखंड में रेलवे प्रशासन ने रेलवे ट्रैक पर लोगों और मवेशियों की घुसपैठ रोकने के लिए रेलखंड के अधिकांश भाग में मैटल क्रैश बैरियर लगाने का काम लगभग पूरा कर लिया है। क्रैश बैरियर लगने के बाद अब रेलवे ट्रैक पर अवैध घुसपैठ पर भी काफी हद तक रोक लगी है। वहीं रेलखंड में अब बेखौफ 130 किलोमीटर से ज्यादा स्पीड से ट्रेनों का संचालन भी निर्बाध हो रहा है।
रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक अनुमान के तौर पर डीजल चलित पैसेंजर ट्रेन एक मिनट रुकने पर रेलवे को 20 हजार रुपए तक का नुकसान होता है। जबकि इलेक्ट्रिक ट्रेन के रुकने पर 20500 रुपए का नुकसान होता है। डीजल इंजन से से चलने वाली गुड्स ट्रेन को एक मिनट रुकने पर 13350 रुपए और इलेक्ट्रिक ट्रेन को 13400 रुपए की आर्थिक हानि होती है। रेलवे को सीधे तौर पर यह आर्थिक नुकसान खुद ही वहन करना पड़ता है।
Updated on:
29 Oct 2025 01:10 pm
Published on:
29 Oct 2025 12:34 pm
बड़ी खबरें
View Allजोधपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग

