जोधपुर.
जोधपुर ग्रामीण पुलिस की जिला विशेष टीम डीएसटी ने गैंगवार में चौपासनी बाइपास पर आवासीय कॉलोनी में हिस्ट्रीशीटर पर अंधाधुंध फायरिंग करने के मामले में 30 महीने से फरार शूटर को पकड़ लिया। उस पर 25 हजार रुपए का इनाम था और वह राज्य के टॉप-25 वांटेड में शामिल था। उसे शिकारगढ़ में एक आवासीय कॉलोनी के मकान से पकड़ा गया है और अवैध हथियार के मामले में आसोप थाना पुलिस को सौंपा गया है।
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) नारायण टोगस ने बताया कि आसोपथानान्तर्गतपालड़ीराणावता निवासी बजरंगसिंह पुत्र सोहनसिंह को हिरासत में लिया गया है। वह राज्य के टॉप-25 वांछितों में शामिल था। पुलिस कमिश्नरेट जोधपुर की ओर से उस पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित था। इसके साथ ही वह पिछले माह आसोप में अवैध हथियार बरामदगी के मामले में भी वांछित था।
कांस्टेबल सुरेश कुमार को बजरंगसिंह के शिकारगढ़ स्थित एक मकान में छिपे होने की सूचना मिली। डीएसटी प्रभारी एएसआइ श्रवण कुमार भंवरिया के नेतृत्व में पुलिस ने धेराबंदी करने के बाद फ्लैट में छापा मारा। पुलिस को देख बजरंगसिंह ने भागने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया। वह दक्षिण भारत, महाराष्ट्र व गुजरात और राजस्थान के जगहों पर फरारी काट रहा था।
पूछताछ के बाद उसे आसोप थाना पुलिस को सौंपा गया। जिसे गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। कार्रवाई में हेड कांस्टेबल वीरेनद्र खदाव, कांस्टेबल सुरेश कुमार, मुकनसिंह, हरेन्द्र लोेहरा, श्रवणसिंह व भवंरसिह शामिल रहे।
एक फरवरी, 2023 को दिनदहाड़े बोरानाडा थानान्तर्गत चौपासनी बाइपास पर वीतराग सिटी में हार्डकोर कैलाश मांजू के हिस्ट्रीशीटर भाई राकेश मांजू पर अंधाधुंध फायरिंग की गई थी। बजरंगसिंह ने अपनी फेसबुक आइडी पर हमले की जिम्मेदारी ली थी। वह जिले के हार्डकोर विक्रम सिंह नांदिया गैंग का गुर्गा है।
हार्डकोर विक्रम सिंह नांदिया व कैलाश मांजू में बरसों पुरानी रंजिश है। कुछ साल पहले कैलाश मांजू के भाई राकेश मांजू ने डाली बाई मंदिर सर्कल पर विक्रम सिंह पर फायरिंग की थी। इसका बदला लेने के लिए बजरंगसिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर राकेश मांजू पर अंधाधुंध फायरिंग की थी। बोरानाडा थाने में जानलेवा हमले का मामला दर्ज किया गया था। बजरंगसिंह पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। कमिश्नरेट की डीएसटी उसे पकड़ने के प्रयास में थी, लेकिन नाकाम रही।
राकेश मांजू पर फायरिंग के मामले में पुलिस बजरंग सिंह को ही पकड़ नहीं पा रही थी। बल्कि फायरिंग में प्रयुक्त हथियार भी अब तक बरामद नहीं हो पाया था। आसोप थाना पुलिस ने गत 28 जून को धनसिंह को अवैध हथियार सहित पकड़ा था। उससे जो हथियार जब्त किया गया था। उसी से राकेश पर फायरिंग की गई थी। पूछताछ में धनसिंह ने यह हथियार बजरंगसिंह से लाने की जानकारी दी थी। इसी के चलते बजरंग को आसोप थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया। उस पर विभिन्न थानो में चोरी, लूट, हत्या, एनडीपीएस एक्ट, जानलेवा हमले आदि की 11 एफआइआर दर्ज है।
Published on:
31 Jul 2025 11:38 pm