गजेंद्र सिंह दहिया
राजस्थान के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग ने जोधपुर जोन में टैक्स चोरी पर बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 1500 व्यापारियों के बैंक खाते सीज कर दिए हैं। खाते सीज करने से पहले 25 करोड़ रुपए की टैक्स डिमांड जनरेट कर नोटिस जारी किए गए थे। खाते सीज होने के बाद जीएसटी विभाग ने कई खातों से स्वयं ही अपना पैसा ले लिया है। इसमें से 5 प्रतिशत व्यापारी हाईकोर्ट पहुंचे, जिनको स्टे मिलने के बाद बैंक खाते वापस री-ओपन किए गए। विभाग ने यह कार्रवाई 2017 से 2023 के बीच हुई अनियमितताओं के आधार पर की है।
जीएसटी विभाग के अनुसार डिमांड जनरेट होने का सबसे बड़ा कारण व्यापारियों का गलत आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) क्लेम कर लाखों रुपए का फायदा उठाना है। रिटर्न में 2-ए और 2-बी में जो क्लेम नहीं बन रहे थे, उनकी भी आइटीसी उठ गई। कुछ मामलों में सप्लायर ने रिटर्न फाइल नहीं किया अथवा सप्लायर का खुद का ही रजिस्ट्रेशन कैंसिल हो गया, इसके बावजूद आइटीसी क्लेम कर ली गई। विभाग ने डेटा एनालिसिस और एआइ (कृत्रिम बुद्धिमता) आधारित सिस्टम से इन गड़बड़ियों का पता लगाया।
जोधपुर जोन में जोधपुर, जैसलमेर और बाड़मेर जिले आते हैं। विभाग ने डिमांड जनरेट होने पर पहले नोटिस दिया। इसके बाद रिमाइंडर दिया। फिर इनिशियल नोटिस, उसके बाद कारण बताओ नोटिस और अंत में फिर रिमाइंडर दिए। इतना करने के बाद भी टैक्स चोरी करने वाले व्यापारी नहीं जागे तब विभाग ने आयकर विभाग की सहायता से बैंक खाते सीज किए।
फर्जी बिलिंग के जरिये आइटीसी क्लेम
माइनिंग रॉयल्टी पर टैक्स नहीं देना
गलत टैक्स रेट लगाना
जीएसटी में गलत छूट देना
आइटीसी अधिक ले लेना
डिमांड जनरेट होने का मुख्य कारण व्यापारियों का अधिक आइटीसी ले लेना है। नोटिस पर नोटिस के बावजूद उन्होंने कोई जवाब नहीं दिए तब हमने बैंक खाते सीज किए।
- विनोद मेहता, अतिरिक्त आयुक्त (स्टेट जीएसटी), जोधपुर जोन
Published on:
30 Jul 2025 01:01 pm