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खाद्य सुरक्षा योजना: पात्र नहीं होने के बावजूद राशन उठाने वालों पर अब गिरेगी गाज, 860 अपात्रों को नोटिस, मचा हड़कंप

झुंझुनूं जिले में अब तक अपात्र लोगों को खाद्य सुरक्षा योजना (Food Security Scheme) से हटाने का आंकड़ा भी चौंकाने वाला है। जिले में 16 हजार 200 राशन कार्डों में 1 लाख 37 हजार 789 यूनिट्स को खाद्य सुरक्षा सूची से हटा दिया गया है।

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Food Security Scheme

पत्रिका फाइल फोटो

झुंझुनूं। खाद्य सुरक्षा योजना में अपात्र होने के बावजूद सस्ती दर पर सरकारी गेहूं का फायदा लेने वालों पर अब गाज गिरने वाली है। जिला रसद विभाग की ओर से इन अपात्रों से अब 30.57 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से हिसाब से वसूली होगी। विभाग की ओर से वसूली की सुगबुगाहट के साथ ही सस्ती दर पर गेहूं लेने वालों में अब हड़कंप मंच गया है। लंबे समय बाद अब जिले में गिव-अप अभियान का असर दिखने लगा है। क्योंकि रसद विभाग ने उन लोगों पर कार्रवाई तेज कर दी है, जो अपात्र होने के बावजूद सस्ती दर पर गेहूं का राशन ले रहे थे।

…नहीं तो वसूली होगी

अधिकारियों की मानें तो अब तक 860 अपात्र लाभार्थियों को नोटिस जारी किए गए हैं। यह वह आंकड़ा है, जो पात्र नहीं होने के बावजूद अपना नाम खाद्य सुरक्षा योजना में जुड़वा रखा था। इन लोगों को 31 अक्टूबर तक योजना से स्वेच्छा से नाम हटाने के निर्देश दिए गए थे। 31 अक्टूबर तक जिन्होंने नाम हटा लिए वे लोग वसूली से बच जाएंगे। जिन्होंने निर्धारित दिए गए टाइम में नाम नहीं हटाएं हैं, अब उनसे वसूली होगी।

1 लाख 37 हजार से अधिक अपात्र हट चुके

जिले में अब तक अपात्र लोगों को खाद्य सुरक्षा योजना से हटाने का आंकड़ा भी चौंकाने वाला है। जिले में 16 हजार 200 राशन कार्डों में 1 लाख 37 हजार 789 यूनिट्स को खाद्य सुरक्षा सूची से हटा दिया गया है। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि वास्तविक जरूरतमंद परिवारों को ही योजना का लाभ मिल सके।

मंत्री के दौरे के बाद आई तेजी

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने अभियान की धीमी गति पर झुंझुनूं कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक ली थी। जिसमें अभियान को लेकर उन्होंने असंतोष जताया था। मंत्री के दौरे के दौरान 91 हजार अपात्र लोग स्वेच्छा से गिव अप अभियान के तहत खाद्य सुरक्षा योजना से अपना नाम हटवा चुके थे। राज्य भर में 36 लाख से अधिक लोग गिव अप अभियान के तहत स्वेच्छा से अपना नाम हटवा चुके हैं।

वास्तविक जरूरतमंदों को नहीं मिल रहा फायदा

जांच के दौरान यह भी सामने आया है कि अपात्र होने के बावजूद भी लोग फायदा उठा रहे थे। जबकि जिले में हजारों ऐसे पात्र परिवार हैं। जिन्हें अब भी इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। हालांकि गिव अप अभियान का मुय उद्देश्य पात्रता की जांच के साथ-साथ पारदर्शिता लाना है। जिनका आर्थिक स्तर सरकारी मापदंडों से ऊपर है, वे स्वयं योजना से नाम हटवाएं ताकि गरीब परिवारों को पर्याप्त खाद्यान्न मिल सके।

विभाग लगातार निगरानी रख रहा है और अपात्र व्यक्तियों के खिलाफ नियमों के अनुसार सत कार्रवाई की जाएगी। जनता के सहयोग से यह अभियान सफल बनेगा और जरूरतमंदों तक ही खाद्य सुरक्षा का लाभ पहुंचेगा। जिन अपात्रों ने सस्ती दर पर राशन के गेहूं उठाएं हैं, अब उनसे 30.57 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से वसूली की जाएगी।

डॉ. निकिता राठौड़, डीएसओ झुंझुनूं


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