राजस्थान के झुंझुनूं जिले में इन दिनों भ्रष्टाचार चरम पर है। सरकारी विभागों में रिश्वत लेने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। वन विभाग के अधिकारीपेडों के तस्करों से रिश्वत मांग रहे हैं। बिजली विभाग के अधिकारी प्रधानमंत्री की सूर्य घर योजना की फाइल आगे चलाने के लिए रिश्वत ले रहे हैं तो रोडवेज में बिना काम किए अफसर घर बैठे कर्मचारियों को वेतन बांट रहे हैं। जानकारों का कहना है कि भ्रष्टाचार के ऐसे मामले झुंझुनूं में पहले इतने नहीं देखे। यह किसकी शह पर हो रहे हैं इसकी जांच भी होनी चाहिए।
तीस हजार रुपए की घूस लेते रंगे हाथ पकड़े गए विद्युत निगम के सहायक अभियंता आजाद सिंह और सहायक प्रशासनिक अधिकारी नरेंद्रसिंह ने परिवादी से रिश्वत के रूप में 40 हजार रुपए की डिमांड की थी। बाद में सौदा 30 हजार रुपए में तय हुआ। इसके बाद एसीबी झुंझुनूं की टीम ने जाल बिछाकर आरोपियों को दस जून 2025 को गिरफ्तार कर लिया। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक पुलिस डॉ. रवि प्रकाश मेहरडा ने बताया कि परिवादी उधमपुरा (सूरजगढ़) निवासी विमलेश ने छह जून को एसीबी झुंझुनूं कार्यालय में शिकायत दी। जिसमें बताया कि सहायक अभियंता कार्यालय, चिड़ावा में पीएम सूर्यघर योजना के तहत कुछ फाइलें जमा करवा रखी हैं। जिसे मंजूर करने की एवज में सहायक अभियंता आजाद सिंह और सहायक प्रशासनिक अधिकारी नरेंद्रसिंह द्वारा रिश्वत की मांग कर परेशान किया जा रहा है। बुधवार को कार्यालय खुलने के बाद परिवादी विमलेश तय राशि लेकर खेतड़ी रोड पर सहायक अभियंता कार्यालय के सामने पहुंचा। जहां सहायक प्रशासनिक अधिकारी नरेंद्रसिंह कार्यालय से बाहर आया। परिवादी विमलेश को सहायक प्रशासनिक अधिकारी नरेंद्र सिंह ने रिश्वत की रकम देने के लिए खेतड़ी रोड स्थित मुक्तिधाम के पास गली में बुलाया।
एसीबी को परिवाद मिलने के बाद से ही ट्रैप की दिशा में कार्यवाही शुरू कर दी गई। बुधवार को झुंझुनूं एसीबी के एएसपी इस्माइल खान और सीआई सुरेश कुमार के नेतृत्व में एसीबी की टीम सहायक अभियंता कार्यालय के बाहर पहुंची। टीम के सदस्य अलग-अलग हिस्सों में गलियों में तैनात हो गए। एएसपी इस्माइल खान और उनकी टीम के कुछ सदस्य गली में लेथ मशीन की वर्कशॉप पर जाकर बैठ गए, वहां वे वर्कशॉप के मालिक से बातचीत करते रहे। थोड़ी देर बाद, प्रशासनिक अधिकारी नरेंद्र सिंह अपनी बाइक पर वहां पहुंचा। उसे देखते ही सभी टीमें अलर्ट हो गईं। जैसे ही परिवादी ने नरेंद्र सिंह को रिश्वत के 30 हजार रुपए दिए, वह रुपए लेकर गली में भाग गया और एक प्लॉट में नोट फेंक दिए, लेकिन एसीबी टीम ने उसे दबोच लिया। बाद में सहायक अभियंता आजाद सिंह को भी कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया। जिसे बाद में पुलिस थाने ले जाया गया। जहां पूरे मामले में सबूतों को मुहरबंद किया गया। फिलहाल, दोनों आरोपियों से मामले में गहन पूछताछ की जा रही है।आरोपी नरेन्द्र ने परिवादी को दो-तीन दिन पहले हाईवे पर रिश्वत की राशि लेकर बुलाया था लेकिन वहां वह आया ही नहीं। इसके बाद बुधवार को सहायक अभियंता कार्यालय में ही रिश्वत लेना तय हुआ। यहां परिवादी के पहुंचने पर नरेन्द्र ने पहले उसे बिना रकम लिए ही वापस बाहर भेज दिया, बाद में पीछे-पीछे आया। वह बाहर आकर रिश्वत की राशि लेकर तुरंत वहां से भागने की फिराक में था लेकिन गली में ही मौजूद एसीबी की टीम ने उसे दबोच लिया।सहायक प्रशासनिक अधिकारी नरेंद्रसिंह ने परिवादी से कहा कि उसे तो 30 हजार में से महज पांच हजार रुपए ही मिलते हैं। बाकी राशि एईएन को देनी पड़ती है।आजाद सिंह ने कुछ माह पहले ही चिड़ावा में सहायक अभियंता के पद पर कार्यभार ग्रहण किया था। वह पहले लंबे समय तक खेतड़ी में कार्यरत रहा। आजाद सिंह मुलत:गादली(बुहाना) तथा नरेंद्रसिंह सुलताना के वार्ड छह का रहने वाला है। एसीबी ने उनके निवास स्थान पर भी सर्च की कार्यवाही की। कार्रवाई में एसीबी के एएसपी इस्माइल खान, सीआई सुरेश कुमार, एएसआई रोहिताश्व, हेड कांस्टेबल त्रिलोक, करणसिंह, कनिष्ठ सहायक प्रमोद पूनियां, कांस्टेबल नरेंद्र कुमार, कुमार सानू, राकेश और विक्रम आदि शामिल थे।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो सीकर इकाई ने खेतड़ी में बड़ी कार्रवाई करते हुए चार जून 2025 को वन विभाग के क्षेत्रीय वन अधिकारी (रेंजर) मुकेश कुमार मीणा को 10,000 रुपए की मंथली बंधी लेते गिरफ्तार किया है। रेंजर रिश्वत की यह रकम लकड़ी से भरी गाड़ियों को नहीं पकड़ने के एवज मंथली बंधी के नाम पर लेता था। एसीबी के महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरडा ने बताया कि परिवादी ने शिकायत की थी कि रेंजर मुकेश मीणा लकड़ी से भरी गाड़ी को न पकड़ने की एवज में मंथली 10,000 रुपए मांग कर परेशान कर रहा है। शिकायत का सत्यापन कराए जाने के बाद, एसीबी जयपुर के उपमहानिरीक्षक राहुल कोटोकी के सुपरविजन में और एसीबी सीकर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय कुमार के निर्देशन में ट्रैप कार्रवाई की योजना बनाई गई। एसीबी के कहने पर परिवादी ने रेंजर मुकेश मीणा को कोर्ट परिसर में पैसे देने के लिए बुलाया। यहां वह जैसे आरोपी ने रुपए लिए एसीबी टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया। एसीबी के अधिकारियों के अनुसार, आरोपी से पूछताछ जारी है और उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जाएगा।
रोडवेज में बिना ड्यूटी वेतन उठाने के मामले में 24 अधिकारियों व कर्मचारियों को निलम्बित किया गया है। आरोप है कि वेतन की यह राशि कई जगह बंटती थी। इससे पहले परिहनअधिकारी व निरीक्षक को वाहनों के नम्बर देने में गड़बड़ी की शिकायत के चलते निलम्बित किया गया था।
झुंझुनूं जिले के अधिकारियों की सीकर में हुई बैठक में राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत फटकार लगा चुके। इसके बाद भी रिश्वत लेने का सिलसिला थम नहीं रहा।
Updated on:
14 Jun 2025 12:57 pm
Published on:
14 Jun 2025 12:56 pm