Piplodi School Roof Collapse Case: राजस्थान के झालावाड़ जिले के पीपलोदी गांव में शुक्रवार को हुए दर्दनाक स्कूल हादसे के बाद अब प्रशासन हरकत में आया है। सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय में कक्षा की दीवार और छत गिरने से सात बच्चों की मौत और 21 घायल हो गए थे। इस घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया।
झालावाड़ पुलिस के अनुसार ग्रामीणों और मृतक बच्चों के परिवारों की रिपोर्ट पर प्रधानाध्यापक और चार शिक्षकों के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, अभी किसी का नाम स्पष्ट रूप से एफआईआर में नहीं लिखा गया है और जांच जारी है, इसलिए किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है। यह केस डांगीपुरा थाने में दर्ज किया गया है। मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 106 और 215 में दर्ज किया गया है। इन धाराओं में लापरवाही से मृत्यु की जांच की जाती है।
यह भी सामने आया है कि स्कूल प्रबंधन ने पुलिस को बताया कि इमारत में कोई भी गंभीर निर्माण दोष या खतरे के लक्षण उन्हें पहले नजर नहीं आए थे। हालांकि, बचने वाले छात्रों ने बताया कि हादसे से कुछ घंटे पहले ही कक्षा में दीवारों से छोटे पत्थर गिर रहे थे, जिसे लेकर उन्होंने शिक्षकों को सतर्क किया था। लेकिन शिक्षकों ने उन्हें शांत बैठने को कहा, जिससे यह सवाल उठता है कि चेतावनी के बावजूद कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला कलेक्टर ने पांच सदस्यीय जांच समिति गठित की है, जिसकी अध्यक्षता जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी करेंगे। उपखंड अधिकारी अभिषेक चरण ने कहा कि जांच समिति हादसे के पीछे के सभी तथ्यों की गहराई से पड़ताल करेगी। मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी राम सिंह मीणा ने बताया कि पीपलोदी स्कूल के छात्रों को सोमवार से पास के सरकारी स्कूल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। साथ ही जिले भर के जर्जर कक्षों को फिलहाल सील कर दिया गया है। यह हादसा न सिर्फ एक प्रशासनिक चूक की ओर इशारा करता है, बल्कि यह सवाल भी उठाता है कि क्या अब भी सरकारी स्कूलों की इमारतें बच्चों के लिए सुरक्षित हैं ? जनता में आक्रोश व्याप्त है और पीड़ित परिवार न्याय की मांग कर रहे हैं।
Published on:
27 Jul 2025 11:33 am