झालावाड़। झालावाड़ में विश्व आदिवासी दिवस रैली और पिपलोदी स्कूल हादसे में मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित कार्यक्रम में हंगामे पर सांसद राजकुमार रोत ने बड़ा बयान दिया है। सांसद रोत ने आरोप लगाया कि एबीवीपी व भाजपा के कार्यकर्ता झंडा व डंडा लेकर सभा स्थल पर पहुंचे। ये तुच्छ राजनीति है। ये भारतीय आदिवासी पार्टी का कार्यक्रम नहीं था, ये पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कार्यक्रम था।
सांसद राजकुमार रोत ने जिला कलक्टर से शिकायत करते हुए कहा कि आज कार्यक्रम में पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में कुछ युवा मंच तक आ गए। एक व्यक्ति ने मुझे चप्पल मारने की कोशिश भी की, जो हुआ, वो गलत हुआ। इस पर जिला कलक्टर ने मुकदमा दर्ज करवाने के बाद कार्रवाई करने के लिए कहा। रोत ने आरोप लगाया कि एबीवीपी व भाजपा के कार्यकर्ता झंडा व डंडा लेकर सभा स्थल पर पहुंचे। ये तुच्छ राजनीति है। ये भारतीय आदिवासी पार्टी का कार्यक्रम नहीं था, ये पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कार्यक्रम था।
ज्ञापन देने के बाद सांसद रोत ने चेतावनी देते हुए कहा कि 10 दिन में सरकार आर्थिक सहायता की घोषणा नहीं करती है तो झालावाड़ में बड़ा आंदोलन होगा। रोत ने समाज के लोगों से कहा कि अब जागरूक होने का समय है। इस दौरान धरियावद विधायक थावर चन्द डामोर, चौरासी विधायक अनिल कटारा, आदिवासी पार्टी के कांतीभाई आदिवासी भी मौजूद रहे।
सांसद राजकुमार रोत ने जिला कलक्टर के समक्ष मृतक बच्चों का टायरों से अंतिम संस्कार करने व परिजनों को घटना स्थल पर नहीं जाने देने का आरोप लगाया। इस पर जिला कलक्टर ने कहा कि मैं मौके पर था, ऐसा नहीं हुआ। प्रत्येक शव के लिए एक-एक ट्रॉली लकड़ी मंगवाई गई। रोत ने घटना स्थल पर लाठीचार्ज के बाद जिन लोगों पर मुकदमे दर्ज किए गए, उन्हे हटाने की भी मांग रखी।
शहर के खंडिया स्थित भीलेश्वर महादेव परिसर में रविवार दोपहर बाद भील समाज के लोगों सभा चल रही थी। सभा में सांसद राजकुमार रोत भी मौजूद थे। इसी दौरान भील समाज विकास संस्थान के जिलाध्यक्ष व पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अरविन्द भील के साथ कई युवा केसरिया झंडे लेकर सभा स्थल पर पहुंचे। इसका राजकुमार रोत के समर्थकों ने विरोध कर समाज का सफेद झंडा लाने को कहा। इसी दौरान दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई। वे नारेबाजी करने लगे। सभा में मौजूद अरविन्द के समर्थक मंच की ओर जाना चाह रहे थे। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें जाने से रोक दिया।
मौके पर मौजूद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चिरंजीलाल मीणा व उप अधीक्षक हर्षराजसिंह खरेड़ा अरविन्द को समझा रहे थे। उसे सभा स्थल से एक तरफ ले जा रहे थे। अचानक अरविन्द वही गली में ही बैठ गया। अरविन्द को पुलिस हिरासत में लेने पर उसके साथी नाराज हो गए। पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। इस पर पुलिस ने बल प्रयोग कर सभी को दूर खदेड़ा। इसके बाद वहां शांति हो गई।
1. मृतक बच्चों के परिवार को तुरंत एक-एक करोड़ रुपए मुआवजा।
2. प्रत्येक परिवार को 10-10 बीघा जमीन।
3. मृतक परिवार के एक व्यक्ति को स्थाई सरकारी नौकरी।
4. मृतक बच्चों के नाम से विद्यालय के कमरों का नाम रखा जाएं।
5. घायलों के परिवार को 50-50 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएं।
6. दोषियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हो।
7. मिनी सचिवालय में गत दिनों टाइल्स गिरने से गंभीर घायल चेतन को आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग।
Updated on:
04 Aug 2025 10:56 am
Published on:
04 Aug 2025 10:29 am