CG News: शासकीय प्राथमिक शाला सबरिया डेरा कमरीद में बच्चे रोज डर के साए में पढ़ाई करने मजबूर हैं। वर्ष 2003 में निर्मित इस स्कूल का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। इन 22 सालों के दौरान एक बार भी स्कूल भवन की मरम्मत नहीं हुई है।
विडंबना यह है कि पहली से पांचवीं क्लास के बच्चों को बरामदे में बिठाना पड़ रहा है जिसकी स्थिति भी ऐसी है कि बच्चे वहां भी बैठने से डरते हैं, क्योंकि किसी दिन छत का प्लास्टर का टुकड़ा गिरता है तो कभी कंकड़-पत्थर। छत का प्लास्टर कई जगहों से गिर चुका है और सरिया नजर आ रहा है। बावजूद जर्जर स्कूल भवन में ही क्लास लग रही है। क्योंकि शिक्षक भी मजबूर हैं। प्रायमरी स्कूल के लिए न तो कोई अतिरिक्त कक्ष है और न ही कोई जगह।
गुरूवार को पत्रिका टीम स्कूल पहुंची थी। इसी दौरान पांचवी क्लास की छात्रा के ऊपर प्लास्टर का टुकड़ा आकर गिरा। छोटा टुकड़ा होने से बच्ची को कुछ नहीं हुआ लेकिन बच्चों में डर साफ नजर आया। बच्चे बाहर निकल आए। बच्चों से क्लास रूम से बाहर खड़ी होने की वजह पूछने पर बच्चों ने बताया कि लेटर गिर रहा है। एक बच्चे ने यहां तक कह दिया कि लेटर गिर रहा है तो मरने के लिए जाएंगे अंदर में। बच्चे के यह शब्द सचमुच सिस्टम पर सवाल खड़े कर रहा है।
प्रधानपाठक के मुताबिक, कहना है कि एक नहीं तीन बार जर्जर भवन के संबंध में संकुल समन्वयक के माध्यम से उच्चाधिकारियों को पत्राचार किया जा चुका है पर कुछ नहीं हुआ. वहीं बीईओ एमएल कौशिक का कहना रहा कि, कल मामले का पता लगवाता हूँ।
Published on:
01 Aug 2025 11:33 am