राजस्थान के जालोर के आहोर क्षेत्र के भैंसवाड़ा निवासी एक शिक्षिका राजकीय सेवा से सेवानिवृत्त होने वाली थी। घर में सेवानिवृत्ति की तैयारियां चल रही थी। घर वाले आयोजन व जुलूस को लेकर तैयारियाें में लगे हुए थे। सेवानिवृत्ति के दिन गुरुवार को जिस शिक्षिका का जुलूस निकलने वाला था। उस दिन उस शिक्षिका के घर से उसकी अर्थी निकली।
सेवानिवृत्ति से एक दिन पूर्व ही शिक्षिका ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। सेवानिवृत्ति की सारी औपचारिकता व तैयारियां विधि की विडंबना के आगे धरी रह गई। भैंसवाड़ा निवासी नाथीदेवी पुत्री किशनलाल श्रीमाली जो कि भागली पुरोहितान में स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रबोधक पद पर कार्यरत थी। गुरुवार को वह राजकीय सेवा से सेवानिवृत्त होने वाली थी।
उनके घर पर सेवानिवृत्ति की तैयारियां चल रही थी, लेकिन सेवानिवृत्ति से एक दिन पूर्व ही अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उनकी मौत हो गई। नाथीदेवी ने सेवानिवृत्ति पूर्व ही इस दुनिया को अलविदा कह दिया। सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले ही शिक्षिका की मौत होने पर उनके परिवार पर दु:खों का पहाड़ ही टूट गया। सेवानिवृत्ति सारी औपचारिकता व तैयारियां धरी की धरी रह गई।
मृतका के भाई हनुमान दवे ने बताया कि उनकी बहन नाथीदेवी को डायबिटीज थी। वहीं उनका जालोर के निजी अस्पताल में उपचार चल रहा था। तबीयत ठीक होने पर बुधवार शाम को उन्हें भैंसवाड़ा स्थित उनके घर लाया गया। चूंकि गुरुवार को उनकी राजकीय सेवा से सेवानिवृत्ति होने वाली थी। इसको लेकर उनकी बहन नाथीदेवी व परिवार के सदस्य चर्चा कर रहे थे।
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गाजे-बाजे के साथ सेवानिवृत्ति के पश्चात अल्पाहार की व्यवस्था भी रखी गई थी। इस दौरान शाम को करीब 6 बजे उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई। जिस पर परिवार के सदस्य गांव में ही एक डॉक्टर के पास लेकर गए तथा यहां से उन्हें जालोर के निजी अस्पताल लेकर गए। जहां उन्हें मृत घोषित किया गया। वहीं गुरुवार को उनका दाह संस्कार किया गया। मृतका का पुत्र गिरीश बोहरा सेलड़ी के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक पद पर कार्यरत हैं।
Published on:
01 Aug 2025 03:02 pm