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राजस्थान में यहां 17 साल बाद बिछ रही नई पटरियां, ट्रेनों की स्पीड पकड़ेगी रफ्तार; जोधपुर पहुंचने में लगेंगे 30 मिनट कम

Indian Railways: समदड़ी-भीलड़ी वाया जालोर रेलवे ट्रैक 17 साल पुराना हो चुका और भविष्य को देखते हुए इसे बदलने की प्रक्रिया चल रही है।

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Photo Source: AI

खुशाल सिंह भाटी
जालोर। समदड़ी-भीलड़ी वाया जालोर रेलवे ट्रैक 17 साल पुराना हो चुका और भविष्य को देखते हुए इसे बदलने की प्रक्रिया चल रही है। 2008 में यह रेल खंड मीटर गेज से ब्रॉडगेज में बदला। इस इस पूरे रेल खंड में 223.44 किलोमीटर रेलवे ट्रैक को बदलने की प्रक्रिया चल रही है। वर्तमान में रेल खंड में एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनें 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरती है।

पटरियों को बदलने की प्रक्रिया पूरी होने के साथ इस रेल खंड की ट्रैक स्पीड में इजाफा किया जाएगा। रेलवे जानकारी के अनुसार ट्रेक को बदलने के साथ स्पीड 130 किलोमीटर प्रतिघंटा तक बढ़ाई जाएगी। वर्तमान में एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेन में जालोर से जोधपुर तक सफर में जहां सवा दो घंटे से 2.30 घंटे का समय लगता है। ट्रेन को बदलने और स्पीड अपग्रेड होने के बाद इस सफर में कम से कम 30 मिनट की कमी जाएगी।

इसी तरह समदड़ी से भीलड़ी तक के सफर में 60 से 70 मिनट तक कमी आएगी। बता दें पहले चरण में समदड़ी से मोकलसर तक 26 किलोमीटर तक यह कार्य पूरा कर लिया गया है और करीब एक साल में बकाया रेलवे ट्रैक को भी बदल दिया जाएगा। ये भविष्य में इस रेल रूट से वंदेभारत समेत अन्य टे्रनों के बेहतर संचालन के भी सकारात्मक संकेत है।

जालोर की सी-44 पर आज काम

रेलवे इंजीनियरिंग टीम की ओर से शनिवार को शनिधाम के पास रेलवे क्रॉसिंग सी-44 पर पटरियों को बदला जाएगा। जेसीबी व अन्य मशीनरी की सहायता से क्रॉसिंग वाले हिस्से पर 260 मीटर हिस्से में पटरी को बदला जाएगा। इस कार्य के चलते सवेरे 10 बजे से 4 बजे तक ट्रैफिक डायवर्ट रहेगा।

525 जीएमटी की लगी पटरियां

समदड़ी-भीलड़ी रेलवे ट्रैक की रनिंग क्षमता 525 जीएमटी है। वर्तमान में 500 जीएमटी से अधिक लोड इस ट्रैक से गुजर चुका है। यह रेलवे की ओर से पटरियों के ऊपर से गुजरने वाले भार और उसके बाद पटरियों की क्षमता का मानक है। रेलवे जानकारी के अनुसार 1 जीएमटी 10 लाख टन के बराबर होता है। इस तरह से ये पटरियां अब बूढ़ी हो चुकी है।

इस तरह से क्रमोन्नत होगा ट्रैक

वर्तमान में 800 जीएमटी क्षमता की पटरियां बिछाई जा रही है। पुरानी पटरियां 1 मीटर का वजन 52 किलो था, वहीं क्रमोन्नत होने वाली पटरियों की हाइट और गेज इससे अलग होगा। ये पटरियां प्रति मीटर 60 किलो वजन की ज्यादा मजबूत संरचना की पटरियां हैं।

सुरक्षित होगा पूरा रेलवे ट्रैक

रेलवे इंजीनियरिंग टीम के अधिकारियों के अनुसार सालभर के भीतर ही पूरे ट्रैक को क्रमोन्नत कर दिया जाएगा। अलग अलग एजेंसियां इसके लिए कार्य कर रही है। पटरियां बदलने के काम के बाद इन पटरियों के आस पास फेंसिंग (सुरक्षा जाली) का काम भी रेलवे की ओर से करवाया जाएगा।

पूरे रेल खंड में एक भी रेलवे क्रॉसिंग या मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग को नहीं छोड़ा जाएगा। वे क्रॉसिंग या तो बंद की जाएंगी या विकल्प के तौर पर अंडरपास या ओवरब्रिज का निर्माण होगा। सभी सुरक्षा मानक की जांच के बाद पूरे ट्रेक की स्पीड 130 किलोमीटर प्रतिघंटा तक बढ़ा दी जाएगी। यह भविष्य का प्लान है, जो रेल लाइन दोहरीकरण के साथ मौजूदा रेलवे ट्रेक से गुजरने वाली ट्रेनों की गति को बढ़ाएगा।

इन्होंने कहा

रेल खंड में पुरानी पटरियों को बदलने का काम प्रगति पर है। जालोर की सी-44 पर शनिवार को पटरियां बदली जाएंगी। इसके चलते शाम तक ट्रैफिक डायवर्ट रहेगा।
-पी.आर चौधरी, एडीईएन, समदड़ी