
पोकरण. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने नौ वर्ष पुराने आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के मामले में दामाद व उसके भाई को 10 साल की सजा सुनाई है। 28 अक्टूबर 2016 को परिवादिया 10 केजेडी खाजूवाला हाल नाचना निवासी गजर पत्नी ओमप्रकाश की ओर से बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में नाचना पुलिस को बयान दिया गया कि उसकी पुत्री मंजू का विवाह बीकानेर जिलांतर्गत पंूगल खाजूवाला के 5 पीपी निवासी अनिलकुमार पुत्र श्योपतराम के साथ किया गया। विवाह के बाद मंजू के ससुर श्योपतराम, पति अनिलकुमार व जेठ सोहनलाल उर्फ सोनू दहेज के लिए उसे परेशान करने लगे। साथ ही एक लाख रुपए की मांग करने लगे।
जिस पर परिवादिया के पति ओमप्रकाश ने अपनी पुत्री के ससुराल वालों से समझाइश के प्रयास कर एक लाख रुपए नहीं होने की बात कही। जिसके बाद ओमप्रकाश अपनी पुत्री के ससुराल वालों की धमकियों से मानसिक रूप से परेशान रहने लगा। दीपावली के त्योहार पर परिवादिया अपनी पुत्री को लेने उसके ससुराल गई, तब पुत्री के ससुराल वालों ने मंजू को ले जाने से मना किया और धमकी दी कि वापिस कोई आया तो अंजाम बुरा होगा। पुत्री के ससुराल वालों की बार-बार मिल रही धमकियों से आहत होकर ओमप्रकाश ने अपने घर में कीटनाशक पी लिया। जिसे उपचार के लिए बीकानेर के पीबीएम अस्पताल ले जाया गया। यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिवादिया के बयान के आधार पर पुलिस ने आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का मामला दर्ज किया।
नाचना पुलिस ने अनुसंधान कर श्योपतराम पुत्र श्योकरणराम, अनिलकुमार व सोहनलाल पुत्र श्योपतराम के विरुद्ध अपर जिला एवं सत्र न्यायालय में चालान पेश किया। राज्य पक्ष की ओर से 13 गवाह व 20 दस्तावेज प्रदर्शित करवाए गए। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायाधीश डॉ. महेन्द्र कुमार गोयल ने आरोपी अनिलकुमार व सोहनलाल को 10 वर्ष के कठोर कारावास एवं 3-3 लाख रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। साथ ही जुर्माना राशि मृतक की पुत्री मंजू को देने का आदेश दिया है। एक आरोपी श्योपतराम की मौत हो जाने से उसके विरुद्ध कार्रवाई समाप्त की गई। राज्य पक्ष की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक समंदरसिंह राठौड़ ने की।
Published on:
28 Oct 2025 09:12 pm
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