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पुलिस का लोगो बना…ड्रग्स तस्करी का पास, 170 किमी तक किसी ने नहीं रोकी लग्जरी गाड़ी

गुजरात नंबर की एक लग्जरी गाड़ी में 336.4 ग्राम एमडी ड्रग्स भरकर फलोदी से जैसलमेर तक लाया गया और किसी ने रास्ते में उसे रोका तक नहीं।

गुजरात नंबर की एक लग्जरी गाड़ी में 336.4 ग्राम एमडी ड्रग्स भरकर फलोदी से जैसलमेर तक लाया गया और किसी ने रास्ते में उसे रोका तक नहीं। कारण यह रहा कि गाड़ी पर राजस्थान पुलिस का लोगो लगा था। शुक्रवार को सामने जिले में मादक पदार्थ तस्करी का यह एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पुलिस की सतर्कता और निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पत्रिका पड़ताल में यह बात सामने आई है कि करीब 170 किलोमीटर लंबी यात्रा में न तो किसी पुलिस चौकी ने जांच की, न ही किसी नाके पर गाड़ी रोकी गई। हाईवे से शहर के बीच तक गाड़ी बेरोकटोक पहुंच गई। पुलिस के लोगो वाली लगजरी गाड़ में ड्रग्स की तस्करी और कोई चेकिंग नहीं होने से सुरक्षा तंत्र की स्थिति को समझा जा सकता है। गनीमत रही कि डीएसटी की तत्परता से आरोपी पकड़ में आ गए।

तस्करो को मिला आसान तरीका

जैसलमेर में अब तक की सबसे बड़ी एमडीएमए की बरामदगी की यह घटना बताती है कि पुलिस वाहनों पर लोगो लगाकर तस्करी करना अब आसान रास्ता बन चुका है और नाकेबंदी जैसे सिस्टम पर भी सवाल उठना लाजमी है। गौरतलब है कि गत शुक्रवार को जैसलमेर डीएसटी टीम ने कार्रवाई करते हुए स्कॉर्पियो से 3.35 करोड़ रुपए मूल्य की एमडी ड्रग्स जब्त की। मौके से दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया। पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि आरोपी जैसलमेर में अलग-अलग स्थानों पर ड्रग्स सप्लाई करने वाले थे।

अगर न पकड़े जाते तो…?

डीएसटी टीम की मुस्तैदी नहीं होती तो यह खेप जैसलमेर में बिखर जाती। नशे का जाल फैलता, और कई युवा इसकी गिरफ्त में आ जाते। स्थानीय पुलिस की चूक से यह पूरा शहर खतरे में आ सकता था। हालांकि इस संबंध में पुलिस अधीक्षक का कहना है कि गाड़ी पर पुलिस का लोगो लगाना एमवी एक्ट का उल्लंघन है। यह भी जांच का विषय है कि रास्ते में गाड़ी को क्यों नहीं रोका गया।उनके अनुसार जो भी लापरवाही सामने आएगी, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।