राजस्थान हाईकोर्ट ने तनोट माताजी और मालण बाईसा से जुड़ी ओरण और आगोर भूमि को सौर पार्क में शामिल करने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। यह आदेश जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद दिया गया।याचिका श्यामसिंह सोढ़ा ने अधिवक्ता मानस रणछोड़ खत्री और सुनील पालीवाल के माध्यम से दायर की थी। इसमें बताया गया कि राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को 12500 मेगावाट सौर पार्क के लिए ग्राम आसोलाई, गैराजा, हापा, अड़बाला, नगराजा, चेलक, देवड़ा, शोभ, देवीकोट, जोधा, काठोड़ा, भाखराणी, बिंजोता, डिगड़ी और सितोड़ाई में भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू की गई। यह कार्रवाई बिना भौतिक सर्वे और मौके की जांच के की गई। याचिका में कहा गया कि सितोड़ाई का ओरण और आसपास की तलाई, पाल और आगोर भूमि ग्रामवासियों की आस्था और पारिस्थितिकी के लिए महत्वपूर्ण है। यहां खेजड़ी, जाल, कूमट, केर और बेर जैसे पेड़ हैं जो वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण संतुलन में सहायक हैं। ग्रामवासी यहां परिक्रमा और दूध की धार से पूजन करते हैं तथा वृक्षों की कटाई और शिकार पूरी तरह प्रतिबंधित है। हाईकोर्ट ने 30 जुलाई 2025 को सुनवाई करते हुए मौके और अभिलेखों की यथास्थिति बनाए रखने का आदेश पारित किया।
Published on:
02 Aug 2025 09:17 pm