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रेगिस्तान में डिजिटल शिक्षा की चमक, स्मार्टफोन और इंटरनेट से खुल रहे ज्ञान के दरवाज़े

जैसलमेर जिले के शैक्षणिक क्षेत्र में डिजिटल शिक्षा ने नई उम्मीदें जगाई हैं। पारंपरिक शिक्षा पहुंचाने में दूर-दराज़ इलाकों, संसाधनों की कमी और मौसम की कठिनाइयों के कारण कई चुनौतियां थीं।

जैसलमेर जिले के शैक्षणिक क्षेत्र में डिजिटल शिक्षा ने नई उम्मीदें जगाई हैं। पारंपरिक शिक्षा पहुंचाने में दूर-दराज़ इलाकों, संसाधनों की कमी और मौसम की कठिनाइयों के कारण कई चुनौतियां थीं। अब स्मार्टफोन, इंटरनेट और सरकारी ई-मित्र केंद्रों के माध्यम से बच्चों, युवाओं और विशेषकर महिलाओं तक शिक्षा पहुंच रही है। जानकारों के अनुसार जिले के लगभग 70 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र इंटरनेट से जुड़े हैं। नेटवर्क और बिजली बाधाओं के बावजूद छात्र डिजिटल प्लेटफॉर्म के प्रति उत्साही दिख रहे हैं। ई-मित्र केंद्रों और मोबाइल ऐप्स से ऑनलाइन क्लास, डिजिटल पाठ्यक्रम और वीडियो लेक्चर का लाभ लिया जा रहा है।
कोरोना के बाद से पिछले तीन वर्षों में डिजिटल शिक्षा में जिले में 40 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। विशेषकर महिलाओं और युवतियों को डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में जागरूक करने के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण और कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ी है और ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार और रोजगार के अवसर भी मिले हैं। स्थानीय शिक्षक बताते हैं कि डिजिटल शिक्षा केवल स्कूल तक सीमित नहीं रही। सार्वजनिक जागरूकता, सरकारी योजनाओं की जानकारी और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी डिजिटल माध्यम से साझा की जा रही है।

हकीकत यह भी

  • जिले में डिजिटल लैब स्थापित हैं, जिनमें छात्रों को कंप्यूटर, इंटरनेट और डिजिटल स्किल्स सिखाए जाते हैं।-मोबाइल एप और ऑनलाइन पोर्टल्स के माध्यम से राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं, स्कॉलरशिप और करियर मार्गदर्शन तक भी पहुंच आसान हुई है।-रेगिस्तानी क्षेत्रों में स्कूल भवनों की कमी और मौसम के कारण कई बार कक्षाओं का संचालन प्रभावित होता था। डिजिटल शिक्षा ने इन चुनौतियों को कम किया है।
  • बच्चों को घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई का विकल्प मिलने से शिक्षा में निरंतरता बनी रहती है।महिलाओं में डिजिटल शिक्षा ने सामाजिक बदलाव की राह भी खोली है।-कई महिलाएं डिजिटल माध्यम से गृह उद्योग, सिलाई-कढ़ाई और ऑनलाइन बिक्री में भाग ले रही हैं। इससे उन्हें आत्मनिर्भर बनने और परिवार व समाज में सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर मिला है।
  • 60 फीसदी महिलाएं, जो 12-25 वर्ष की आयु वर्ग में हो, डिजिटल शिक्षा का लाभ ले रही हैं
  • 1 हजार से अधिक है डिजिटल लैब और प्रशिक्षण प्राप्त छात्रों की संख्याएक्सपर्ट व्यू: महिलाओं और युवाओं तक शिक्षा पहुंचाना अब आसानशैक्षिक विशेषज्ञ और डिजिटल शिक्षा सलाहकार ललित थानवी के अनुसार रेगिस्तानी इलाकों में डिजिटल शिक्षा ने पारंपरिक बाधाओं को तोड़ दिया है। नेटवर्क और बिजली की चुनौतियां अभी हैं, लेकिन सही तकनीकी समाधान और सरकारी पहल से महिलाओं और युवाओं तक शिक्षा पहुंचाना अब आसान हो गया है। यह पहल न केवल शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ा रही है, बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण में भी अहम भूमिका निभा रही है।जिले में डिजिटल शिक्षा को स्थायी बनाने के लिए सरकारी योजनाओं के साथ निजी क्षेत्र सहयोग कर रहा है। इंटरनेट कवरेज और बिजली आपूर्ति में सुधार से भविष्य में शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता में और वृद्धि की उम्मीद है।

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