जयपुर। राजस्थान की सरकारी भर्तियों में गड़बड़ियों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। एक ओर रीट परीक्षा से बने 123 शिक्षकों पर फर्जीवाड़े का शिकंजा कसा जा रहा है, तो दूसरी ओर आरक्षण के 'तलाकशुदा कोटे' में कागजों पर टूटे रिश्ते, असल में एकजुट जिंदगियां सामने आ रही हैं। एसओजी और भर्ती बोर्ड की जांचों ने यह साफ कर दिया है कि कागजी खेल, डमी उम्मीदवार और झूठे दस्तावेज, सरकारी नौकरियों की साख पर गहरे दाग छोड़ रहे हैं।
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने खुलासा किया है कि तलाकशुदा महिलाओं के लिए आरक्षित 2 प्रतिशत कोटे का दुरुपयोग हो रहा है। शिकायतों के अनुसार, कुछ महिलाएं सरकारी नौकरी पाने के लिए फर्जी तलाक लेकर कोटे से चयन करा रही है और नौकरी लगते ही फिर से पति के साथ रहने लगती है।
अब तक ऐसे 12 से ज्यादा मामलों की आंतरिक जांच शुरू हो चुकी है, जिनके पूरे होने पर फाइले एसओजी को भेजी जाएंगी। बोर्ड के मुताबिक, इस कोटे की कटऑफ अन्य श्रेणियों से कम होने के कारण फर्जीवाड़े का लालच बढ़ रहा है और असली तलाकशुदा महिलाएं चयन से वंचित हो रही है।
बोर्ड अध्यक्ष का कहना है कि भर्तियों में अचानक ही तलाकशुदा अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ रही है। अधिक आवेदन आने से तलाकशुदा अभ्यर्थियों के चयन की भी संख्या बढ़ रही है। फर्जीवाड़े से वास्तविक तलाकशुदा महिलाएं चयन से वंचित हो रही है। बोर्ड ने संदिग्ध प्रकरणों की नियुक्ति भी रोकी है।
बोर्ड अध्यक्ष आलोक राज ने कहा कि तलाकशुदा कोटे से सरकारी नौकरी के लिए फर्जीवाड़ा मिला तो सख्त एक्शन लिया जाएगा। भर्ती परीक्षाओं में फर्जी तलाक लेकर नौकरी हासिल करने वालों के खिलाफ अब एसओजी कार्रवाई करेगा।
Published on:
11 Aug 2025 08:36 am