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राजस्थान में नहीं होंगे छात्रसंघ चुनाव, भजनलाल सरकार ने हाईकोर्ट में किया इनकार; बताई ये वजह

Rajasthan News: राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव को लेकर चल रहा विवाद अब राजस्थान हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। राज्य सरकार ने इस साल छात्रसंघ चुनाव कराने से साफ इनकार कर दिया है।

Student union elections in Rajasthan
फोटो- पत्रिका नेटवर्क

Rajasthan News: राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव को लेकर चल रहा विवाद अब राजस्थान हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। राज्य सरकार ने इस साल छात्रसंघ चुनाव कराने से साफ इनकार कर दिया है और इस संबंध में हाईकोर्ट में अपना जवाब पेश किया है। सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के कार्यान्वयन और लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का हवाला देते हुए चुनाव स्थगित करने का निर्णय लिया है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति का दिया हवाला

राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में दाखिल अपने जवाब में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शैक्षणिक सत्र की संरचना और गतिविधियों में व्यापक बदलाव किए जा रहे हैं। इन बदलावों के बीच छात्रसंघ चुनाव कराना व्यावहारिक और उचित नहीं है। सरकार ने लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके अनुसार शैक्षणिक सत्र शुरू होने के 8 सप्ताह के भीतर चुनाव कराए जाने चाहिए।

चूंकि यह समयसीमा बीत चुकी है, इसलिए इस साल चुनाव कराना संभव नहीं है। इसके अलावा, सरकार ने यह भी बताया कि कई विश्वविद्यालयों के कुलगुरुओं (वाइस चांसलर) से इस मामले में राय ली गई। अधिकांश कुलगुरुओं ने वर्तमान शैक्षणिक और प्रशासनिक परिस्थितियों को देखते हुए इस समय चुनाव कराने के खिलाफ राय दी है।

उनका मानना है कि चुनाव कराने से शैक्षणिक गतिविधियों और विश्वविद्यालय के सामान्य कार्यों में व्यवधान उत्पन्न हो सकता है। सरकार ने कोर्ट में इस रुख को स्पष्ट करते हुए कहा कि वह शैक्षणिक गुणवत्ता और व्यवस्था को प्राथमिकता दे रही है।

यहां देखें वीडियो-


लोकतंत्र का गला घोंटने वाला कदम- NSUI

इस बीच, NSUI के प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़ ने सरकार के इस फैसले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे लोकतंत्र का गला घोंटने वाला कदम करार दिया और कहा कि छात्रसंघ चुनाव केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह युवा नेतृत्व को उभारने और भविष्य के नेताओं को तैयार करने का एक महत्वपूर्ण मंच है।

जाखड़ ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव वह नर्सरी है, जहां से देश और समाज को दिशा देने वाले नेता निकलते हैं। बीजेपी सरकार को डर है कि छात्र अपनी आवाज उठाएंगे और सरकार की नीतियों का विरोध करेंगे। इसलिए, उन्होंने छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों को छीन लिया है।

NSUI ने इस फैसले के खिलाफ सड़क से लेकर विधानसभा तक संघर्ष करने की घोषणा की है। जाखड़ ने कहा कि उनकी संगठन इस तानाशाही फैसले को बर्दाश्त नहीं करेगा और हर हाल में छात्रसंघ चुनाव बहाल करवाएगा। उन्होंने छात्रों से एकजुट होने और इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करने का आह्वान किया।