राजस्थान में लगातार हो रही स्कूल भवन दुर्घटनाओं ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था और संरचनात्मक सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। झालावाड़ जिले में सरकारी स्कूल की छत गिरने से सात मासूम छात्रों की दर्दनाक मौत और दो दर्जन से अधिक के घायल होने की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इसके कुछ ही दिन बाद जैसलमेर जिले में विद्यालय के गेट गिरने से एक और छात्र की मौत ने राज्य की स्कूलों की स्थिति को लेकर चिंता और बढ़ा दी है।
इस मुद्दे को सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल एवं बीएपी सांसद राजकुमार रोत ने संसद की वेल में पहुंचकर जोरदार तरीके से उठाया।
सांसदों ने केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि यह सिर्फ हादसे नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और सिस्टम की अनदेखी से हुई हत्याएं हैं।
हनुमान बेनीवाल ने अपने भाषण में कहा, “जब शिक्षा का मंदिर ही असुरक्षित हो, तो उस पर भविष्य की मजबूत इमारत कैसे खड़ी होगी? यह केवल इमारतें नहीं गिरीं, बल्कि देश के भविष्य के सपनों का मलबा बिखर गया है।
” उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह घटना किसी एक राज्य की नहीं, बल्कि पूरे देश में सरकारी स्कूलों की जर्जर स्थिति का प्रतीक है। उन्होंने प्रभावित परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये और घायलों को 50-50 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की और झालावाड़ कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की भी बात रखी।
सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि एक तरफ झालावाड़ की त्रासदी से हम उबर भी नहीं पाए और दूसरी तरफ जैसलमेर में भी मासूम की जान चली गई। आखिर कब थमेगा यह मौतों का सिलसिला ? उन्होंने राजस्थान सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार राज्य की स्कूलों की सुरक्षा तक सुनिश्चित नहीं कर पा रही है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
बेनीवाल ने यह भी कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राजस्थान के स्कूल शिक्षा मंत्री मदन दिलावर दोनों हाड़ौती क्षेत्र से आते हैं, ऐसे में केवल बयान देना काफी नहीं है, ठोस कदम जरूरी हैं। उन्होंने यह मुद्दा तब उठाया जब सदन में गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे।
Published on:
28 Jul 2025 08:48 pm