
RAS परीक्षा में 68वीं रैंक हासिल करने वाले सोमदत्त स्वामी (फोटो-पत्रिका)
जयपुर। हाल ही में आरएएस परीक्षा के परिणाम आए हैं। कई संघर्ष भरी कहानियां सामने आई हैं, लेकिन उनमें सबसे ज्यादा प्रेरित करने वाली कहानी हनुमानगढ़ जिले के रहने वाले सोमदत्त की है। वे उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा हैं, जो सपनों को हकीकत में बदलना चाहते हैं।
सरकारी अस्पताल में एक छोटी सी जॉब करने वाले सोमदत्त ने अफसर बनने का सपना देखा, इसे सही तरह से पूरा करने में 9 साल का समय लगा, लेकिन अपने सपने पा ही लिए। करीब नौ साल पहले वे अपने बेटे को आरएएस कोचिंग में प्रवेश दिलाने गए थे, तभी टीचर ने कहा था कि आप भी तैयारी कर सकते हैं।
सोमदत्त स्वामी ने अपनी नौकरी और परिवार की जिम्मेदारियों के बीच पढ़ाई जारी रखी। पहले प्रयास में उन्हें उम्मीद से कम सफलता मिली, उन्होंने 618वीं रैंक पाई। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। दूसरा प्रयास किया तो 248वीं रैंक मिली, यह रैंक भी उनके सपनों से कम थी, मगर हौसले कम नहीं हुए। उन्होंने खुद से वादा किया कि अगला प्रयास निर्णायक होगा।
2023 में उन्होंने तीसरा प्रयास किया और इस बार पूरी ताकत झोंक दी। सुबह से देर रात तक 10 घंटे की नियमित पढ़ाई, सख्त अनुशासन और आत्मविश्वास उनके साथी बने। आखिरकार उन्होंने आरएएस परीक्षा में 68वीं रैंक हासिल कर दिखा दिया कि कठिन मेहनत और निरंतरता से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।
सोमदत्त बताते हैं कि नौकरी और परिवार के बीच पढ़ाई के लिए समय निकालना सबसे बड़ी चुनौती थी। उन्होंने छोटी-छोटी आदतों को बदला, मोबाइल और सोशल मीडिया से दूरी बनाई, हर दिन का लक्ष्य तय किया और अपनी तैयारी को योजनाबद्ध ढंग से आगे बढ़ाया।
सोमदत्त स्वामी का मानना है कि लक्ष्य बड़ा रखो, चाहे मंजिल दूर ही क्यों न लगे। मेहनत और निरंतरता ही असली सफलता की चाबी है। उनका कहना है कि कोई भी परिस्थिति इंसान की प्रगति को नहीं रोक सकती, अगर उसके भीतर दृढ़ इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास मौजूद हो।
उनकी कहानी केवल सफलता की नहीं, बल्कि उस संघर्ष की है जो हर सपने देखने वाले के भीतर जलती हुई आग को दिशा देता है। सोमदत्त स्वामी ने यह साबित कर दिया कि जुनून और योजना मिलकर साधारण इंसान को असाधारण बना सकते हैं।
Updated on:
30 Oct 2025 07:55 pm
Published on:
30 Oct 2025 06:28 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग


