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राजस्थान में बेकाबू हो रहे युवा, तेज रफ्तार-स्टंट से 40 प्रतिशत सड़क हादसे बढ़े, ट्रैफिक उल्लंघन में जयपुर सबसे आगे

राजस्थान में ट्रैफिक नियमों की अनदेखी बढ़ी है। साल 2024 में 650 करोड़ रुपए के चालान जारी हुए हैं, जिनमें 40% अब भी बकाया है। 65% उल्लंघन 18-30 वर्ष के युवाओं द्वारा किया जा रहा है। जयपुर, जोधपुर और कोटा में सबसे ज्यादा केस सामने आए हैं। पढ़ें अरुण कुमार की ये स्पेशल रिपोर्ट...

जयपुर

Arvind Rao

Aug 03, 2025

Rajasthan traffic rules
Rajasthan traffic rules (Patrika Photo)

जयपुर: राजस्थान के युवा स्टंट और ओवरस्पीड के साथ ट्रैफिक नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। राजस्थान ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 3,79,697 ई-चालान और 3,06,195 परिवहन टिकट जारी किए गए, जिनका कुल मूल्य 650 करोड़ रुपए है।


बता दें कि इनमें से 40 प्रतिशत चालान (260 करोड़ रुपए) अभी भी बकाया हैं। जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और कोटा जैसे शहरों में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की दर सबसे अधिक है। यहां सीसीटीवी और ई-चालान सिस्टम ने निगरानी बढ़ाई है।


युवा तोड़ रहे नियम


18-30 वर्ष के युवा सबसे अधिक ट्रैफिक नियम तोड़ते हैं, जो 65 प्रतिशत उल्लंघनों के लिए जिम्मेदार हैं। इस आयु वर्ग में ओवर स्पीडिंग (40 प्रतिशत), मोबाइल फोन उपयोग (20 प्रतिशत) और बिना हेलमेट/सीटबेल्ट (15 प्रतिशत) प्रमुख हैं। 31-45 वर्ष के लोग 25 प्रतिशत, जबकि 45 से अधिक आयु वर्ग में उल्लंघन केवल 10 प्रतिशत हैं।


सुबह-शाम ज्यादा अनदेखी


ट्रैफिक उल्लंघन सुबह 8-10 बजे (स्कूल-ऑफिस समय) और शाम 5-7 बजे (ऑफिस से वापसी) में सबसे अधिक होते हैं, जो 60 प्रतिशत उल्लंघनों का समय है। जयपुर के टोंक रोड और दिल्ली हाईवे पर सुबह के समय ओवरस्पीडिंग और रेड लाइट तोड़ने की घटनाएं 30 प्रतिशत बढ़ी हैं। जोधपुर और उदयपुर में रात 9-11 बजे शराब पीकर ड्राइविंग के मामले 15 प्रतिशत बढ़े हैं।


बकाया चालान और कानूनी कार्रवाई


वर्ष 2024 में बकाया चालानों के कारण 12,000 वाहनों के रजिस्ट्रेशन रद्द करने की प्रक्रिया जारी है, जिनमें जयपुर (5,000) जोधपुर (3,000) और उदयपुर (2,000) सबसे आगे हैं। 8,000 ड्राइविंग लाइसेंस के निलंबन की प्रक्रिया भी बकाया है, जिसमें 60 प्रतिशत मामले ओवरस्पीडिंग और शराब पीकर वाहन चलाने के हैं। करीब 50,000 वाहन चालक और मालिक कोर्ट में चालान भुगतान की प्रतीक्षा कर रहे हैं।


क्या हैं चुनौतियां


-ऑनलाइन भुगतान में पोर्टल की जटिलता से बकाया चालान बढ़े।
-30 प्रतिशत चालक भुगतान प्रक्रिया को समझ नहीं पाते।
-ग्रामीण क्षेत्रों में सीसीटीवी और ई-चालान सिस्टम की कमी से निगरानी कमजोर।


सुधार और सुझाव


-2025 में 500 नए सीसीटीवी और 50 स्वचालित नंबर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम लगाने की ट्रैफिक पुलिस की योजना।
-जयपुर-कोटा में स्कूल-कॉलेजों में ट्रैफिक नियमों पर कार्यशालाएं आयोजित की जाएं।
-ई-चालान पोर्टल को सरल और बहुभाषी बनाया जाए, समय पर चालान भुगतान पर चालक को 10 प्रतिशत छूट दी जाए।
-तीन से अधिक उल्लंघनों पर लाइसेंस रद्दीकरण को लागू करें, जैसा नोएडा में है।


ये जिले ट्रैफिक उल्लंघन में आगे


जयपुर ट्रैफिक उल्लंघन में शीर्ष पर है, जहां 2024 में 1,50,000 चालान (40 प्रतिशत कुल चालान) जारी हुए। वैशाली नगर और सी-स्कीम जैसे व्यस्त क्षेत्रों में ओवरस्पीडिंग (35 प्रतिशत), रेड लाइट तोड़ना (25 प्रतिशत) और बिना हेलमेट (20 प्रतिशत) प्रमुख उल्लंघन हैं। जोधपुर में 80,000 उदयपुर में 60,000 और कोटा में 50,000 चालान दर्ज किए गए। बाड़मेर-बीकानेर में भी ग्रामीण सड़क पर 15 प्रतिशत लोगों ने अनुशासन तोड़ा है।