जयपुर। विधानसभा व लोकसभा चुनावों के ऐन पहले कांग्रेस व अन्य पार्टियों के कई नेताओं ने भाजपा का दामन थामा था। ये नेता वैसे तो बिना शर्त आने की बात कह भाजपा में शामिल हुए थे, लेकिन ऐसे कई बड़े नेता इस उम्मीद में हैं कि उनको अब सत्ता में कहीं न कहीं एडजस्ट किया जाएगा। कई नेता दिल्ली तक दौड़ भी लगा चुके हैं।
प्रदेश सरकार के मुखिया के दिल्ली दौरे के बाद इन नेताओं के दिल में उम्मीदें हिलोरें लेने लगी है, क्योंकि जल्द ही राजनीतिक नियुक्तियां होने की चर्चा है। भाजपा में शामिल होने वाले बड़े नेताओं में ज्योति मिर्धा, गौरव वल्लभ, महेंद्र जीत सिंह मालवीया तो ऐसे हैं जिनकी जॉइनिंग बड़े कार्यक्रमों में हुई थी। भाजपा में शामिल होने के लिए आए अन्य दलों के बड़े नेता अपने साथ कई समर्थकों को भी लेकर आए थे। इनमें पूर्व मंत्री लालचंद कटारिया, राजेंद्र यादव, खिलाड़ीलाल बैरवा, रिछपाल मिर्धा, विजयपाल मिर्धा, रमेश खींची, आलोक बेनीवाल और गिर्राज सिंह मलिंगा भी शामिल हैं।
आरएलपी छोड़ भाजपा में शामिल हुए रेवंतराम डांगा को पार्टी ने टिकट दिया तो वो खींवसर विधानसभा सीट से जीतकर विधानसभा पहुंच गए। इसी तरह कांग्रेस से भाजपा में आए पूर्व विधायक दर्शन सिंह गुर्जर भी विधायक बन गए। कांग्रेस के पूर्व विधायक रमेश खींची को पार्टी ने कठूमर से विधानसभा चुनाव लड़ाया और वे भी जीते। वहीं, ज्योति मिर्धा, गौरव वल्लभ, महेंद्र जीत सिंह मालवीया हार गए।
भीलवाड़ा जिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रामपाल शर्मा, जयपुर की पूर्व मेयर ज्योति खंडेलवाल, खादी बोर्ड के उपाध्यक्ष रहे पंकज मेहता, प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष सीताराम अग्रवाल, कांग्रेस नेता रामनिवास मीणा, कांग्रेस सेवा दल के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश चौधरी, सुरेश मिश्रा भी भाजपा में शामिल हुए थे।
पूर्व सांसद करण सिंह यादव, चूरू से कांग्रेस के पूर्व लोकसभा प्रत्याशी प्रताप पूनिया, अजमेर जिला प्रमुख सुशील कंवर पलाड़ा, पूर्व विधायक सुरेश टांक, जिला प्रमुख अलवर बलवीर छिल्लर, पूर्व विधायक जालोर रामलाल मेघवाल, पूर्व विधायक नसीराबाद महेंद्र सिंह गुर्जर, पूर्व विधायक संगरिया परम नवदीप, पूर्व विधायक और आरएलपी के प्रदेश अध्यक्ष पुखराज गर्ग भी भाजपा में शामिल हुए थे।
Published on:
07 Aug 2025 03:11 pm