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राजस्थान में बलात्कार पीड़िता ने बालिग होने पर आरोपी से की शादी, कोर्ट ने रद्द की FIR

जयपुर हाईकोर्ट ने नाबालिग से बलात्कार के मामले में दर्ज एफआईआर रद्द की। पीड़िता के बालिग होने पर आरोपी से विवाह और खुशहाल जीवन का हवाला देते हुए कोर्ट ने कहा, कानून समाज कल्याण के लिए है।

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जयपुर

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Arvind Rao

Nov 05, 2025

Rajasthan

कोर्ट ने FIR रद्द की (पत्रिका फाइल फोटो)

जयपुर: जिस नाबालिग से बलात्कार को लेकर पॉक्सो कानून में एफआईआर दर्ज हुई, उसने बालिग होने पर आरोपी से शादी कर ली। हाईकोर्ट ने एफआईआर रद्द कर टिप्पणी की, कि कानून का मूल मकसद समाज कल्याण होता है, जो समाज की जरूरत और परिस्थितियों के अनुसार बदलता है।


बलात्कार महिला से क्रूरतम अपराध है। लेकिन पीड़िता बालिग होने पर आरोपी से शादी कर खुशहाल वैवाहिक जीवन जीने की बात कहे तो नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। न्यायाधीश अनूप कुमार ढंड ने नाबालिग से बलात्कार मामले में एफआईआर को चुनौती देने वाली याचिका पर यह आदेश दिया। आरोपी ने एफआईआर को चुनौती दी थी।


हाईकोर्ट ने एफआईआर रद्द करते हुए कहा, वह खुशहाल वैवाहिक जीवन में बाधा नहीं बन सकता। ट्रायल जारी रहने पर परिवार पर विपरीत असर होगा। ऐसे में पॉक्सो कोर्ट, (जयपुर महानगर-2) लंबित कार्यवाही बंद कर दे।


राजीनामे पर रद्द नहीं हो एफआईआर


हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह फैसला नजीर नहीं बनेगा और बलात्कार के मामले में पीड़िता से राजीनामे के आधार पर एफआईआर रद्द नहीं होगी।


क्या था मामला


याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया कि साल 2021 में जयपुर में बलात्कार का मामला दर्ज हुआ, आरोपी गिरफ्तार हो गया। मई 2025 में आरोपी ने अंतरिम जमानत लेकर मुस्लिम रीति-रिवाज से पीड़िता से विवाह कर पंजीकरण करा लिया।