Gaon-Gwal Scheme : राजस्थान के गांवों में गायों को समूह के साथ चारागाहों में चराने की दशकों पुरानी परम्परा फिर से लौटेगी। स्वच्छता एवं गायों के संरक्षण की दिशा में पंचायतीराज विभाग की ओर से प्रदेश में गांव-ग्वाल योजना शुरू की जाएगी। हर गांव में ग्वाल तैयार किए जाएंगे। ये ग्वाल बेसहारा व पशुपालकों की गायों को एक साथ चारागाह में चराने के लिए ले जाएंगे। इस परंपरा के पुन: शुरू होने से गांवों में पशुपालकों की ओर से गायों को खुले में छोड़ देने की प्रवृति पर अंकुश लगेगा।
पंचायतीराज विभाग ने नवाचार के रूप में गांव-ग्वाल योजना का खाका तैयार किया है। योजना के तहत गांवों में गांव-ग्वाल नियुक्त किए जाएंगे। इन ग्वालों को ग्राम पंचायतों की ओर से पारिश्रमिक भुगतान किया जाएगा। पशुपालक अपनी इच्छा से इस योजना में अपनी गायें चराने के लिए पंजीकरण करवा सकेंगे।
गांव-ग्वाल योजना की शुरुआत कोटा जिले के रामगंजमंडी क्षेत्र से की जा सकती है। यह क्षेत्र मंत्री मदन दिलावर का गृह क्षेत्र है। विभाग ने इससे पहले बर्तन बैंक योजना के नवाचार का शुभारंभ भी इसी क्षेत्र के खैराबाद ग्राम पंचायत से किया था।
मदन दिलावर, रामगंजमंडी क्षेत्र
1- स्वच्छता का माहौल बनेगा। गांवों में गलियों व सड़कों पर गोबर बिखरने से गंदगी नहीं होगी।
2- खेतों में फसलों को होने वाला नुकसान बचेगा।
3- गलियों व सड़कों पर दुर्घटनाओं की आशंका कम होगी।
4- प्लास्टिक खाने से गायों की होने वाली मौतों में कमी आएगी।
बेसहारा गायों को रात के समय रखने के लिए गांवों में नए काऊ हाउस शुरू किए जाएंगे। गायों के लिए चारागाह संरक्षण के लिए विभाग की ओर से चारागाह ग्राम समितियों को सक्रिय करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
Published on:
05 Aug 2025 02:07 pm