5 अगस्त 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

ऑपरेशन कालनेमी: माथे पर तिलक, गले में माला और मकसद लोगों को ठगना

Fake Babas: साधु के भेष में बहरूपिये, उत्तराखंड सरकार ने चलाया ऑपरेशन। राजस्थान के 7 ढोंगी सहित करीब 200 बाबा पकड़े, एक बांग्लादेशी भी शामिल। अभियान के तहत नकाबपोश ढोंगियों के मुखौटे उतारे।

जयपुर

MOHIT SHARMA

Jul 16, 2025

Photo: Patrika Network
Photo: Patrika Network

मोहित शर्मा.
Kawad Yatra: जयपुर. यदि आप कावड़ लेकर हरिद्वार, हर की पौड़ी, ऋषिकेश या गंगाजी जा रहे हैं तो ढोंगी बाबाओं से सावधान रहें। ये आपको ठग सकते हैं। माथे पर तिलक, गले में माला और हाथ में कमण्डल ले कर घूम रहे ये बाबा शातिर ठग हैं। इनका मकसद सिर्फ और सिर्फ आपके साथ ठगी करना है। हालांकि उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार इन नजर रखे हुए है। अभी तक करीब 200 से अधिक ढोंगी बाबा पकड़े गए हैं।

बांग्लादेशी गूंगा बन कर रहा था ठगी

खास बात ये है कि इनमें राजस्थान के लोग भी शामिल हैं जो ढोंगी बाबा बने हैं। इतना ही नहीं एक बांग्लादेशी भी पकड़ में आया है जो छद्म भेस धारण कर गूंगा बन भगवान के फोटो दिखाकर लोगों से ठगी कर रहा था। ये लोग तंत्र-मंत्र, जादू-टोना, वशीकरण, और झूठे आध्यात्मिक दावों के जरिए लोगों को भ्रमित कर उनकी आस्था का दुरुपयोग करते थे।

उत्तराखंड सीएम सहित पुलिस ने दी जानकारी

देशभर सहित प्रदेश के लोग भी 10 जुलाई से कांवड़ लेकर हरिद्वार जा रहे हैं। हरिद्वार में हर की पौड़ी, कनखल, और श्यामपुर जैसे क्षेत्रों में कांवडियों की भारी भीड़ है, जहां ये ढोंगी बाबा सक्रिय हैं। राजस्थान के कांवड़ यात्री मुख्य रूप से गंगा जल लेने के लिए हरिद्वार और ऋषिकेश जाते हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित पुलिस ने ऐसे लोगों के खिलाफ अपने अधिकारिक एक्स हैण्डल पर भी इसकी जानकारी दी है।

Rajasthan Criminals: राजस्थान के ये ढोंगी बाबा पकड़े

ऑपरेशन कालनेमि के तहत अभी तक करीब 200 ढोंगी बाबाओं को पकड़ा गया हैं। इनमें राजस्थान के निवासी भी हैं। लोग बिना किसी धार्मिक या ज्योतिषीय ज्ञान के साधु का वेश धारण कर ठगी कर रहे थे।

नामजिला
शिंभुनाथअलवर
सुगन योगीअलवर
मोहन जोगीदौसा
नवल सिंहअलवर
भगवान सिंहदौसा
हरिओम योगीदौसा
गिरधारीलालअलवर

10 जुलाई को ऑपरेशन की शुरुआत

ऑपरेशन कालनेमी की शुरुआत 10 जुलाई को उत्तराखंड़ के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की थी। यह अभियान कांवड़ यात्रा और चारधाम यात्रा के दौरान धार्मिक भावनाओं का दुरुपयोग रोकने के लिए शुरू किया गया। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई तब तक चलेगी, जब तक सभी संदिग्धों पर शिकंजा नहीं कस लिया जाता।

Operation Kalnemi नाम क्यों रखा गया?

ऑपरेशन कालनेमी का नाम रामायण के एक पौराणिक पात्र कालनेमी से प्रेरित है। रामायण के अनुसार, कालनेमी एक शक्तिशाली राक्षस था, जो रावण का सहयोगी और मारीच का पुत्र था। जब लंका युद्ध के दौरान लक्ष्मण मेघनाद के शक्तिबाण से मूर्छित हो गए, तो हनुमान संजीवनी बूटी लाने द्रोणागिरि पर्वत गए। रावण ने कालनेमी को हनुमान को रोकने का दायित्व सौंपा। कालनेमी ने एक मायावी साधु का रूप धारण कर हनुमान को भटकाने की कोशिश की, लेकिन हनुमान ने उसकी चाल को पहचान लिया और उसका वध कर दिया।
उत्तराखंड सरकार ने इस अभियान का नाम इसलिए चुना क्योंकि कालनेमी एक मायावी राक्षस था, जो साधु का भेष धारण कर लोगों को भटकाने और छलने का प्रयास करता था। ठीक उसी तरह, आज समाज में कुछ लोग साधु-संतों का वेश धारण कर धार्मिक आस्था का दुरुपयोग करते हैं और ठगी जैसे अपराध करते हैं। इस अभियान का उद्देश्य ऐसे छद्म वेशधारियों को बेनकाब करना और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करना है, ताकि सनातन धर्म की गरिमा और लोगों की आस्था की रक्षा हो सके।

धार्मिक तरीके अपनाकर कर रहे ठगी

Dehradun Police: ये ढोंगी बाबा हैं, इनको किसी तरह का ज्ञान नहीं है। ये धार्मिक तरीके से महिलाओं और अन्य लोगों को अनैतिक रूप से दवाब डालकर ढगते हैं। सीएम पोर्टल पर भी ऐसी शिकायतें मिली हैं। इन ढोंगी बाबाओं के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया था। एक बांग्लादेशी नागरिक रकम उर्फ शाह आलम, सहसपुर क्षेत्र में गूंगा बनकर ठगी कर रहा था। उसके खिलाफ विदेशी अधिनियम और पासपोर्ट अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
अजय सिंह, एसएसपी, देहरादून

7-8 बहरूपिए दूसरे धर्म के भी पकड़े

Haridwar Police: हरिद्वार एक पवित्र तीर्थस्थल है, और इसकी धार्मिक गरिमा से कोई समझौता नहीं होगा। बहरूपियों के लिए उत्तराखंड में ऑपरेशन कालनेमी के तहत लगातार कार्रवाई की जा रही है। 7-8 लोग ऐसे पकड़े हैं जो दूसरे धर्म से हैं और हिंदू धर्म का चोगा पहनकर काम कर रहे थे। ऐसे बहरुपियों को पुलिस ने पकड़ा है। अब अभियान के तहत इन ढोंगियों के नकाब उतारे जाएंगे।
प्रमेन्द्र सिंह डोभाल, एसएसपी, हरिद्वार