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मानसून ने धो दीं विकास की परतें… जयपुर की टूटी सड़कों-गड्ढों से टूट रही लोगों की हड्डियां

सिस्टम की नाकामी का आलम यह है कि सड़कें न केवल हादसों को दावत दे रही हैं, बल्कि ट्रोमा सेंटर और ऑर्थोपेडिक वार्ड हर दिन नए घायलों से भरते जा रहे हैं।

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जयपुर। हर मोड़ पर फिसलन, हर गली में गड्ढों का खौफ… यह तस्वीर राजधानी जयपुर की है, जहां बारिश ने नगर निगम और प्रशासन के दावों की पोल खोल दी है। सिस्टम की नाकामी का आलम यह है कि सड़कें न केवल हादसों को दावत दे रही हैं, बल्कि ट्रोमा सेंटर और ऑर्थोपेडिक वार्ड हर दिन नए घायलों से भरते जा रहे हैं।

सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ दोगुना हो चुका है और घायलों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि डॉक्टरों को रोजाना कई बड़े ऑपरेशन करने पड़ रहे हैं। शहर का हर मोड़, हर रास्ता मानो ट्रोमा सेंटर की दहलीज पर खड़ा हो। डॉक्टरों के अनुसार, घायलों में अधिकतर बाइक सवार हैं, जो बारिश में सड़क पर फिसलने या गड्ढों में गिरने से गंभीर रूप से चोटिल हो रहे हैं। कई मरीजों को मल्टीपल इंजरी के चलते ऑपरेशन की जरूरत पड़ रही है।

ओपीडी में भीड़, रोजाना हो रहे ऑपरेशन

एसएमएस के ऑर्थोपेडिक विभाग के सह-आचार्य डॉ. विशाल शेखावत के अनुसार, डेढ़-दो महीने पहले रोजाना 25 के करीब घायल मरीज आते थे, जो अब बढ़कर 50 तक पहुंच गए हैं। इनमें से आधे मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है और हर दिन तीन से चार मरीजों की बड़ी सर्जरी करनी पड़ रही है। कई मरीजों को लिगामेंट, कंधे और रीढ़ की गंभीर चोटें भी आ रही हैं, जिससे उन्हें ठीक होने में लंबा समय लगेगा।

70 फीसदी मरीज बाइक सवार


डॉक्टरों के मुताबिक, हादसों के शिकार करीब 70 फीसदी मरीज बाइक सवार हैं। बारिश में गड्ढों में भरे पानी के कारण सड़क नजर नहीं आती और तेज रफ्तार बाइक फिसल जाती है। बुजुर्ग, पैदल यात्री और बच्चे भी इन खतरनाक सड़कों का शिकार हो रहे हैं, हालांकि उनकी संख्या अपेक्षाकृत कम है।

ट्रोमा सेंटर में रोजाना 30 घायल

ट्रोमा सर्जन डॉ. दिनेश गोरा ने बताया कि ट्रोमा सेंटर में रोजाना 20 से 30 लोग गड्ढों और उखड़ी सड़कों के कारण घायल होकर पहुंच रहे हैं। इनमें से चार-पांच मरीज इतने गंभीर होते हैं कि उन्हें तत्काल भर्ती करना पड़ता है। अधिकतर मामलों में हाथ-पांव की हड्डियों के फ्रैक्चर, कंधों की चोट और घुटनों की लिगामेंट इंजरी होती है।


डॉक्टरों की चेतावनी


डॉक्टरों का मानना है कि यदि अगस्त के अंत तक बारिश जारी रही तो हालात और बिगड़ सकते हैं। इस मौसम में विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है।

ऐसे बरतें सावधानी

बिना हेलमेट बाइक न चलाएं।
बारिश में वाहन धीमी गति से चलाएं।
जलभराव वाले हिस्सों में अतिरिक्त सतर्कता रखें।
बच्चों को बाइक के आगे न बैठाएं।
चोट लगने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

घुटने की टूटी हड्डी


पिछले सोमवार को साहिल बाइक से घर लौट रहा था। ब्रह्मपुरी थाने के पीछे पार्क के पास गली में पानी भरे गड्ढे को न देख पाने के कारण उसकी बाइक गिर गई। उसके घुटने की हड्डी टूट गई और वह एसएमएस अस्पताल के अस्थिरोग विभाग में भर्ती है। डॉक्टरों के अनुसार, साहिल के घुटने का ऑपरेशन होगा और उसे पूरी तरह ठीक होने में लंबा समय लगेगा।