जयपुर। राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, झालाना में चल रहे पांच दिवसीय 'सप्तरंग' डांस और म्यूजिक कार्यक्रम का गुरुवार को बेहतरीन परफॉर्मेंस के बीच समापन हुआ। सेंटर निदेशक एन.सी. गोयल ने बताया कि आरआईसी को कल्चरल सेंटर के साथ ही इंटेलेक्चुअल डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करना है। इसी विजन के तहत इस समारोह का अयोजन किया गया। इनमें 6 जोनल कल्चरल सेंटर्स और 11 राज्यों के सैकड़ों कलाकारों ने अपनी परफॉर्मेंस दी। आखिरी दिन कालीदास के नाटक 'मेघदूत' पर कथक बैले और विभिन्न राज्यों के लोक संगीत का फ्यूजन मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहे।
खिला लोक संगीत का 'इंद्रधनुष'
कलाकार मंजिरी किरण ने शिष्यों के साथ मंच पर 'मेघदूतम' पर कथक डांस बैले की जज्बाती परफॉर्मेंस से शुरुआत की। संगीतमय शैली में मेघदूत में वर्णित दृश्यों को कथक से दर्शाया। बादलों के लिए रंग-बिरंगी चुन्नियों का प्रयोग किया। प्रस्तुति ने दर्शकों का लय, ताल और कहानी कहने की अनोखी शैली से परिचित करवाया। इसके बाद 'लोकरंग' के दूसरे सेंगमेंट में दर्शकों ने लोक संगीत का इंद्रधनुषी रूप देखा। 'ड्रम्स ऑफ इंडिया' के तहत 11 स्टेट के कलाकारों ने एक साथ मंच पर 'सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा' पर प्रस्तुति दी।
Published on:
22 Sept 2023 04:01 pm