राजकुमार शर्मा
हवा में गूंजते भक्ति संगीत के बीच मन का गीत रचने में व्यस्त बुजुर्ग। जीवन की शाम में उम्मीदों की नई सुबह की तलाश के बीच प्रत्येक व्यक्ति के चेहरे पर भक्ति की शिक्षा और अध्यात्म की दीक्षा पाने की जुनूनी चमक। ज्ञान और कौशल के साथ ही अनुभवों के खजाने की अदला-बदली। यह नजारा 10 बी स्कीम, गोपालपुरा में वरिष्ठजनों के लिए हाल ही शुरू हुए उस स्कूल का है, जहां उन्हें साक्षर बनाने के बजाय आस्था की पढ़ाई कराई जा रही है। 65 वर्ष या उससे अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति इस स्कूल में नि:शुल्क दाख़िला ले सकता है।
दोपहर एक से शाम पांच बजे तक संचालित होने वाले इस स्कूल में ये वरिष्ठ विद्यार्थी हम उम्र लोगों के साथ रोजाना भक्ति में रमने के साथ ही सत्संग और संकीर्तन का अभ्यास करते हैं। बरसाना धाम वरिष्ठजन सेवा समिति के तत्वावधान में संचालित इस स्कूल में 40-40 मिनट के छह पीरियड संचालित होते हैं।
पहले एक सप्ताह में यहां करीब 65 लोगों के रजिस्ट्रेशन हुए हैं। वहीं, स्कूल से जुड़ने की प्रक्रिया लगातार जारी है। अध्यक्ष गिरिराज गुप्ता व मंत्री रजनीश मित्तल ने बताया कि शहर के वरिष्ठ नागरिकों का एकाकीपन दूर हो और वे हम उम्र लोगों के साथ खुशनुमा माहौल में समय बिता सकें, इसके लिए 200 युवाओं की टीम ने यह पहल की है। कोषाध्यक्ष हिमांशु गोयल ने बताया कि राधारानी के बरसाना धाम की अवधारणा पर आधारित इस स्कूल में वरिष्ठजनों की सेवा राधारानी की सेवा मानकर की जा रही है।
मित्तल ने बताया कि उस दौर में टीवी का चलन नहीं था। अजमेर में रहने के दौरान समय बिताने के लिए दादाजी चार बार अखबार पढ़ते थे और शाम को नजदीकी भक्ति धाम जाते थे। तभी ये विचार आया कि भविष्य में ऐसा स्कूल शुरू किया जाएगा, जहां सारे वरिष्ठजन एक साथ मिलकर अपनी पसंद के हिसाब से समय बिताएं और ऊर्जात्मक गतिविधियों का हिस्सा बनें। रजनीश मित्तल, मंत्री, बरसाना धाम वरिष्ठजन सेवा समिति, जयपुर
Published on:
04 Aug 2025 08:12 am