जयपुर: अपने अधिकारों के प्रति सजग रहकर राजधानी जयपुर की एक युवती ने उपभोक्ता आयोग से न्याय पाया और राजस्थान रोडवेज पर 61 हजार रुपए का जुर्माना लगवाया। यह मामला जनवरी 2020 का है, जब ममता कुमारी नामक युवती ने बीकानेर जाने के लिए ऑनलाइन माध्यम से दो टिकट बुक किए थे।
बता दें कि एक अपने लिए और दूसरा अपने पति के लिए। लेकिन बस में सीटें ही उपलब्ध नहीं थीं, जबकि उनके पास सीट नंबर 46 और 47 के आरक्षित टिकट थे। दरअसल, तकनीकी खराबी के चलते जिस बस को रवाना किया जाना था, उसकी जगह कम सीटों वाली दूसरी बस भेजी गई, जिसमें कुल 40 ही सीटें थीं।
ऐसे में जब ममता और उनके पति बस में चढ़े, तो उन्हें बताया गया कि उनकी आरक्षित सीटें बस में हैं ही नहीं। ममता ने बस चालक और परिचालक से टिकट दिखाकर सीट मांगी, लेकिन उन्हें खड़े होकर सफर करने या टिकट रद्द करने का विकल्प ही दिया गया।
सीट नहीं मिलने के कारण दोनों को मजबूरी में रात की ट्रेन से बीकानेर के लिए रवाना होना पड़ा। सर्द मौसम के कारण दोनों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी भी झेलनी पड़ी। यह यात्रा ममता के लिए और भी अहम थी। क्योंकि वह स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा देने जा रही थीं।
मात्र 574 रुपए की टिकट को लेकर शुरू हुए इस मामले में ममता कुमारी ने उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज करवाई। सुनवाई के दौरान आयोग ने पाया कि रोडवेज प्रबंधन ने सेवा में घोर लापरवाही बरती और उपभोक्ता के अधिकारों का उल्लंघन किया। आयोग ने इस आधार पर रोडवेज पर 61 हजार रुपए का जुर्माना लगाया।
इससे पहले भी जयपुर की ही एक महिला नीना पारीक द्वारा उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा का मामला सामने आ चुका है, जब बाटा कंपनी द्वारा कैरी बैग के छह रुपए वसूलने पर आयोग ने कंपनी पर जुर्माना लगाया था। यह फैसला एक बार फिर यह साबित करता है कि अगर उपभोक्ता अपने अधिकारों को लेकर सजग रहें और उचित मंच पर आवाज उठाएं, तो न केवल उन्हें न्याय मिल सकता है, बल्कि संबंधित संस्थाओं को भी जवाबदेह बनाया जा सकता है।
Published on:
02 Aug 2025 12:18 pm