जयपुर: जयपुर-दिल्ली एक्सप्रेस हाइवे पर रविवार को दौलतपुरा के पास सौर ऊर्जा प्लांट के सामने पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता (एसई) की पावर बाइक सांड से टकरा गई, जिससे वे घायल हो गए और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम करवाने के बाद शव परिजन को सुपुर्द कर दिया। मृतक राज्य के प्रमुख ऊर्जा सचिव अजिताभ शर्मा के भाई थे।
एसीपी चौमूं अशोक चौहान ने बताया कि मृतक अविनाश शर्मा (58) पुत्र राधेश्याम शर्मा जयपुर में बापूनगर के मंगल मार्ग के रहने वाले थे। वह जयपुर में पीडब्ल्यूडी में एसई के पद पर कार्यरत थे। वह बाइक लेकर जयपुर की ओर जा रहे थे।
सौर ऊर्जा प्लांट के पास अचानक एक सांड सामने आ गया, जिससे बाइक उससे टकरा गई। सांड से टकराकर अविनाश बाइक से गिरकर गंभीर घायल हो गए। हाइवे एंबुलेंस ने अविनाश को कांवटिया अस्पताल पहुंचाया, जहां से उन्हें एसएमएस के लिए रेफर कर दिया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
प्रत्यदर्शियों के अनुसार, सांड से टकराते ही अविनाश के सिर से हेलमेट निकलकर दूर जा गिरा। टक्कर लगने के बाद वह अचेत हो गए। उनके शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं था। माना जा रहा है कि उन्हें अंदरूनी चोट लगी। हादसे के तुरंत बाद ही चाय की दुकान पर बैठे लोग उनकी मदद के लिए पहुंच गए। आसपास के लोगों ने एंबुलेंस को बुलाकर उन्हें अस्पताल पहुंचाया। स्थानीय लोगों का कहना था कि सौर ऊर्जा प्लांट के आसपास गाय और सांड घूमते रहते हैं।
सड़क हादसे का शिकार हुए अविनाश के परिचितों से मिली जानकारी के अनुसार, कई दिनों से मौसम खराब होने के कारण वे बाइक नहीं चला सके। रविवार को मौसम खुला तो वे सुबह चाय पीने के बाद बापूनगर स्थित मंगल मार्ग आवास से बाइक लेकर निकल गए। पत्नी के पूछने पर कहा कि यहीं जा रहा हूं, अभी आता हूं। इसके बाद दोपहर 12 बजे उनके साथ हादसा होने की सूचना मिलते ही पूरे सार्वजनिक निर्माण विभाग में शोक की लहर दौड़ गई।
अविनाश करीब 20 से 22 साल राजस्थान राज्य सडक विकास निगम में रहे और कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर काम किया। दिल्ली में नए राजस्थान हाउस का निर्माण उनकी ही देखरेख में हो रहा था। इसके साथ ही सचिवालय में नार्थ ब्लॉक और सरकार के कई महत्वपूर्ण बिल्डिंग प्रोजेक्ट उनके पास थे।
राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य में सार्वजनिक सड़कों व राजमार्गों पर आवारा पशुओं के कारण होने वाली मौतों पर बीते सप्ताह स्वत: संज्ञान लिया। कोर्ट ने कहा कि आवारा कुत्तों और गायों ने न केवल शहर की सड़कों पर बल्कि राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी खतरा पैदा कर दिया। इससे सड़कें नागरिकों के लिए अत्यधिक असुरक्षित घोषित हो जाती हैं। इन जानवरों के कारण दुर्घटनाओं में अत्यधिक वृद्धि हुई है।
न्यायालय नागरिकों की सुरक्षा के प्रति गंभीर रूप से चिंतित है, इसलिए न केवल शहर की सड़कों, राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों को आवारा जानवरों के कारण असुरक्षित नहीं होने दे सकते। कोर्ट ने इस मामले में बीते सप्ताह केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, एनएचएआई, राज्य सरकार के शहरी विकास एवं आवास विभाग, जयपुर, जोधपुर, उदयपुर नगर निगमों, स्थानीय निकाय निदेशक और परिवहन विभाग को नोटिस जारी किया। अब सुनवाई 11 अगस्त को होगी।
Published on:
04 Aug 2025 07:25 am