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Independence Day : जयपुर में अलग अंदाज में होता था जश्न-ए-आजादी, जानें

Independence Day : जयपुर में अलग अंदाज में होता था जश्न-ए-आजादी। जयपुर रियासत के तत्कालीन महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय ने पहली बार 15 अगस्त 1948 को सवाई मानगार्ड भवन में सेना की सलामी ली थी।

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1948 को सवाई मान गार्ड बिल्डिंग (वर्तमान सचिवालय) में सेना की सलामी। सवाई मानसिंह द्वितीय सेना की सलामी लेते हुए। फाइल फोटो पत्रिका

Independence Day : जयपुर. वो दिन था, जब हवा में आजादी की मिठास घुली हुई थी, गलियों में दीपकों की रोशनी झिलमिला रही थी और हर आंगन से देशभक्ति की सुगंध उठ रही थी। जयपुर के चौक-चौराहे दीपमालाओं से सजे थे, आकाश में आतिशबाजी के फूल खिल रहे थे और लोगों की आंखों में स्वतंत्रता का उजास झलक रहा था। सवाई मानगार्ड भवन में सेना की सलामी के साथ इतिहास रचा जा रहा था और शहर की हर धड़कन ‘वंदे मातरम्’ के सुरों में थिरक रही थी।

30 मार्च 1949 को राजस्थान का हुआ था गठन

जयपुर रियासत के तत्कालीन महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय ने पहली बार 15 अगस्त 1948 को सवाई मानगार्ड भवन में सेना की सलामी ली थी। यही भवन आगे चलकर सचिवालय बना। 30 मार्च 1949 को राजस्थान का गठन हुआ, तो सवाई मानसिंह को राजप्रमुख नियुक्त किया गया। उस समय गवर्नमेंट ऑफ राजस्थान का सचिवालय गवर्नमेंट हॉस्टल भवन में था, जिसे बाद में मौजूदा सचिवालय भवन में स्थानांतरित किया गया। 15 अगस्त 1949 को सेना की परेड त्रिपोलिया बाजार में हुई, जहां सवाई मानसिंह ने सेना की सलामी ली।

सेना की सलामी ली थी

सवाई मानसिंह द्वितीय ने पहली बार 15 अगस्त 1948 को सवाई मान गार्ड भवन में सेना की सलामी ली थी। यह बटालियन सेना की एकमात्र 61वीं कैवलरी रेजिमेंट में शामिल हो गई। सियाशरण लश्करी, जयपुर फाउंडेशन

15 अगस्त 1947 को मनाया गया बड़ा उत्सव

प्रजामंडल के सदस्यों और पदाधिकारियों ने 15 अगस्त 1947 को बड़ा उत्सव मनाया। तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारियों ने भीड़ कम करने का आग्रह भी किया। तत्कालीन दीवान के हस्तक्षेप के बाद प्रजामंडल को पूरी छूट दी गई।
पं. चन्द्रशेखर शर्मा, ज्योतिष विद्वान