High Speed Train: जयपुर। भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार 9 हजार हॉर्सपावर का सबसे ताकतवर इलेक्ट्रिक इंजन हाई स्पीड ट्रायल टेस्ट ट्रैक पर दौड़ेगा। यह ट्रायल अगले सप्ताह जयपुर-जोधपुर रेलमार्ग पर नवनिर्मित देश के पहले हाई स्पीड ट्रायल टेस्ट ट्रैक पर होगा। गुजरात के दाहोद स्थित लोकोमोटिव फैक्ट्री में निर्मित इस इंजन को हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई थी। ट्रायल के लिए इंजन भी गुजरात से ही आएगा। दावा है कि, यह ट्रायल भारतीय रेलवे को तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत आधार देगा।
जयपुर-जोधपुर रेलखंड पर गुढ़ा से मीठड़ी तक 64 किमी लंबा यह ट्रैक देश का पहला हाई स्पीड टेस्ट ट्रैक है। यहां ट्रेनें 220 किमी प्रतिघंटा से भी अधिक स्पीड में दौड़ सकेंगी। करीब 800 करोड़ की लागत से बन रहा यह ट्रैक 75 फीसदी पूरा हो चुका है और जनवरी 2026 तक पूरी तरह तैयार होने की उम्मीद है। इस ट्रैक पर भविष्य में वंदे भारत, बुलेट ट्रेन और अन्य हाई स्पीड ट्रेनों की टेस्टिंग होगी।
इंजन की स्पीड, ब्रेकिंग कैपेसिटी और स्थिरता।
ट्रैक्शन, झटकों को झेलने की क्षमता और वाइब्रेशन टेस्ट।
सिग्नलिंग, ओवरहेड वायरिंग और सेफ्टी सिस्टम की जांच।
विशेषज्ञों की निगरानी में पूरा टेक्निकल विश्लेषण होगा।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार इस ट्रायल के तहत ईएन 14363 मानकों के अनुसार क्वॉजी स्टेटिक टेस्ट किया जाएगा, जिसमें इंजन को 15-20 किमी प्रति घंटे की गति से सबसे खराब ट्रैक परिस्थितियों में चलाकर उसकी मजबूती और स्थिरता की जांच की जाएगी। यह प्रक्रिया दिखाएगी कि नया इंजन किन परिस्थितियों में ट्रैक पर कैसे प्रदर्शन करता है। खासबात है कि,यह ट्रायल इंजन और ट्रैक दोनों के लिए एक अहम मील का पत्थर माना जा रहा है।
Updated on:
07 Aug 2025 07:09 am
Published on:
07 Aug 2025 07:00 am