जयपुर। राजधानी का एक पुराना और घनी आबादी वाला क्षेत्र हसनपुरा है। जिसका नाम अब हरिपुरा कर दिया गया है। जिसे आज भी आम लोगों की जुबान पर हसनपुरा के नाम से ही जाना जाता है। लेकिन नाम बदलने से हालात नहीं बदले हैं। जयपुर के दिल में बसे इस इलाके की पहचान अब बदहाल सड़कों, जाम, अव्यवस्थित ट्रैफिक और बंद पड़ी पुलिस चौकी से होती जा रही है।
रेलवे स्टेशन की पुलिया से लेकर एनबीसी होते हुए ईएसआईसी अस्पताल के तिराहे तक फैला यह बाजार जयपुर के सबसे व्यस्त और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में गिना जाता है। यहां मुस्लिम आबादी का बाहुल्य है, लेकिन व्यापार हर समुदाय के लोग मिल-जुलकर करते हैं। सब्जी, फल, कपड़े, लोहे के सामान से लेकर इलेक्ट्रॉनिक आइटम तक हर किस्म की दुकानें यहां सजी रहती हैं।
स्थानीय व्यापारियों और निवासियों के अनुसार हसनपुरा में सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक जाम की है। वैशाली नगर, पंच्यावाला, सी-स्कीम, अजमेर पुलिया या रेलवे स्टेशन-सिंधी कैंप की ओर जाने वाले हजारों वाहन इसी रास्ते से गुजरते हैं। बाजार के बीचोंबीच से निकलती सड़क हर समय अतिक्रमण, ई-रिक्शा और अव्यवस्थित पार्किंग के कारण जाम में तब्दील हो जाती है।
इलाके की सड़कों की स्थिति बेहद दयनीय है। जगह-जगह गड्ढे, खुले सीवर और सड़क पर फैला मलबा न केवल ट्रैफिक में बाधा बनता है, बल्कि राहगीरों के लिए भी खतरा बना हुआ है। स्थानीय लोग शिकायत करते हैं कि महीनों से सफाई या मरम्मत का कोई काम नहीं हुआ।
हसनपुरा के बाजार के बीचोंबीच स्थित पुलिस चौकी पिछले कुछ समय से बंद पड़ी है। अब यह अराजक तत्वों और शराबियों का ठिकाना बन गई है। चौकी के आसपास शराब की खाली बोतलें और पव्वे आमतौर पर पड़े देखे जा सकते हैं। रात के समय इलाके में असुरक्षा का माहौल बना रहता है।
इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा ई-रिक्शा चलते हैं। इनके लिए न कोई स्टैंड तय है, न कोई रूट। हर मोड़ पर ई-रिक्शा का जमावड़ा लगा रहता है। नतीजा यह है कि बाजार में हर वक्त ट्रैफिक की रफ्तार थमी रहती है।
ई रिक्शा यहां पर इतने चलते है कि दूसरे इलाकों में भी नहीं चलते। जिसके कारण पूरे दिन यातायात जाम रहता है। ऐसे में दुकानदारी खराब होती है।
रामकिशोर झालानी, दुकानदार
नाम बदलकर हरिपुरा हो गया भले ही, लेकिन लोग अब भी हसनपुरा ही बोलते है। अब यह शहर का सेंटर बन गया है, जिसके कारण हर तरफ का ट्रैफिक यहां से गुजरता है। पूरे दिन जाम की स्थिति बनी रहती है। लोग परेशान रहते है।
अब्दुल सलाम, दुकानदार
जगह जगह गंदगी के ढेर लगे हुए है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों को कई बार कहा जा चुका है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है।
असलम खान, दुकानदार
Updated on:
25 Jul 2025 06:23 pm
Published on:
23 Jul 2025 09:35 pm