
Wind Hybrid Policy: जयपुर. राजस्थान अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निरंतर नए आयाम स्थापित कर रहा है। इसी क्रम में राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर “विंडर्जी इंडिया 2025” सम्मेलन में “एक्सीलेंस इन विंड एंड हाइब्रिड पॉलिसी” पुरस्कार से सम्मानित किया गया। चेन्नई में आयोजित इस दो दिवसीय सम्मेलन में केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी ने यह पुरस्कार राजस्थान सरकार एवं राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम लिमिटेड को प्रदान किया। निगम की ओर से जनरल मैनेजर राजीव सिंह ने यह सम्मान ग्रहण किया।
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मार्गदर्शन में राज्य पवन और हाइब्रिड ऊर्जा उत्पादन में निरंतर अग्रणी स्थान बनाए हुए है। उन्होंने बताया कि यह सम्मान राज्य की निवेशक-हितैषी नीतियों और ऊर्जा विभाग की सक्रिय भूमिका का परिणाम है, जिसने राजस्थान को देश का अग्रणी ‘ग्रीन एनर्जी हब’ बनाया है। राज्य सरकार का लक्ष्य राजस्थान को हरित ऊर्जा निवेश और उत्पादन का वैश्विक केन्द्र बनाना है, जिससे रोजगार, नवाचार और तकनीकी नेतृत्व के नए अवसर उत्पन्न हों।
राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रोहित गुप्ता ने बताया कि इस सम्मेलन का आयोजन इंडियन विंड टरबाइन मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन द्वारा किया गया, जिसमें देश-विदेश के ऊर्जा विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं ने भाग लिया। राजस्थान को यह पुरस्कार पवन एवं हाइब्रिड ऊर्जा क्षेत्र में दूरदर्शी नीतियों, पारदर्शी निविदा प्रक्रियाओं और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता के लिए दिया गया है।
वर्तमान में राजस्थान 40,407 मेगावाट की स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के साथ देश में प्रथम स्थान पर है। बीकानेर के पूगल क्षेत्र में विकसित हो रहा 2450 मेगावाट सोलर और 1250 MW/5000 MWh बैटरी ऊर्जा भंडारण पार्क देश का सबसे बड़ा पार्क होगा। इसी क्रम में 7 नवंबर को जयपुर में निवेशक सम्मेलन (इनवेस्टर्स मीट) आयोजित किया जाएगा।
Updated on:
02 Nov 2025 10:18 am
Published on:
02 Nov 2025 10:13 am
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