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जमीन पर उतरेंगे चार प्रोजेक्ट…बदलेगा ट्रैफिक मैप…वैकल्पिक राह का अता-पता नहीं…रास्ता होगा मुश्किल

राजधानी में इस माह 4 प्रोजेक्ट धरातल पर उतरेंगे। इनसे शहर का ट्रैफिक मैप बदल जाएगा। जेडीए दो एलिवेटेड रोड और दो रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) पर काम कर रहा है। इनको पूरा करने में दो से तीन वर्ष का समय लगेगा। लेकिन, जब निर्माण कार्य चलेगा, उस समय लोगों को परेशानी का सामना न […]

जयपुर

Amit Pareek

Aug 02, 2025

राजधानी में इस माह 4 प्रोजेक्ट धरातल पर उतरेंगे। इनसे शहर का ट्रैफिक मैप बदल जाएगा। जेडीए दो एलिवेटेड रोड और दो रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) पर काम कर रहा है। इनको पूरा करने में दो से तीन वर्ष का समय लगेगा। लेकिन, जब निर्माण कार्य चलेगा, उस समय लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए जिम्मेदारों ने अब तक कोई वैकल्पिक इंतजाम पर विचार शुरू नहीं किया है। राजधानी में पिछले कुछ वर्ष के दौरान ऐसे कई प्रोजेक्ट के अनुभवों को देखते हुए इस बार भी अधूरी तैयारी लोगों पर भारी पड़ सकती है।

इस समय शहर में चल रहे कुछ प्रोजेक्ट के कारण करीब एक वर्ष से कुछ मार्ग बंद हैं। उन मार्गों का यातायात दबाव जिन रास्तों पर शिफ्ट हुआ है वहां 2 से 5 किलोमीटर की दूरी तय करने में ही 45 मिनट से एक घंटा तक लग रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते जेडीए और यातायात पुलिस लोगों को वैकल्पिक रास्ते सुझा दे तो सभी की आसानी से आवाजाही होती रहेगी।जेडीए का काम भी बिना किसी रुकावट के चलता रहेगा।

ये प्रोजेक्ट बदलेंगे हमारी राह

सालिगरामपुरा आरओबी : अगले सप्ताह शुरू होगा काम

जयपुर-सवाईमाधोपुर रेलवे लाइन स्थित इस फाटक (एलसी-67 ए) पर अगले सप्ताह काम शुरू होगा। जुलाई 2027 में काम पूरा होगा। इसके निर्माण पर 77.92 करोड़ रुपए खर्च होंगे। फाटक बंद होने से दिन भर में 35 हजार वाहन चालकों की आवाजाही प्रभावित होती है।

ये लाभ: निर्माण से टोंक रोड से महल रोड तक बिना रुके आना-जाना हो सकेगा।

तैयारी करनी होगी : फाटक से आने जाने वाले लोग परेशान होंगे।

सांगानेर एलिवेटेड रोड : 20 से शुरू होगा काम

सांगानेर फ्लाईओवर से चौरड़िया पेट्रोल पंप तिराहे तक और यहां से दो लेन न्यू सांगानेर पर उतर जाएंगी। वहीं एक लेन मालपुरा रोड की ओर जाएगी। 10 दिन में कार्यादेश जारी कर दिया जाएगा। इसके बाद 7 दिन में काम शुरू हो जाएगा। इस रूट पर 24 घंटे में एक लाख से अधिक वाहनों की आवाजाही होती है।

ये लाभ : जिन लोगों को जयपुर के बाहर जाना है वे एलिवेटेड रोड का उपयोग करते हुए निकल जाएंगे।

तैयारी करनी होगी : दिन भर इस हिस्से में जाम रहता है। पीक आवर्स में तो निकलना मुश्किल हो जाता है।

गोपालपुरा एलिवेटेड रोड : 7 दिन में होगी शुरुआत

त्रिवेणी नगर आरओबी से गुर्जर की थड़ी अंडरपास तक 2160 मीटर हिस्से में इसे बनाया जाएगा। सात दिन में काम शुरू कर दिया जाएगा। महेश नगर की तरफ एक रैम्प उतारा जाएगा। 30 माह में काम पूरा करने का दावा जेडीए कर रहा है।

ये फायदा : इस एलिवेटेड रोड के बनने से चार चौराहे खत्म हो जाएंगे।

तैयारी करनी होगी : कोचिंग संस्थानों की वजह से दिन भर आवाजाही रहती है। ट्रैफिक के बीच स्टूडेंट्स सड़क पार करते हैं। हादसे का डर बना रहता है।

सीबीआई फाटक : टेस्ट पाइलिंग का काम शुरू

इस प्रोजेक्ट पर जेडीए 95 करोड़ खर्च करेगा। जेडीए अधिकारियों की मानें तो इसकी टेस्ट पाइलिंग शुरू हो गई है। इस आरओबी की 950 मीटर लम्बाई है। आरओबी दो-दो लेन का होगा। दो वर्ष में काम पूरा होगा।

ये फायदा: गंगा मार्ग, खो नागोरियान से रोड नम्बर सात का जुड़ाव सीधा हो जाएगा।

तैयारी करनी होगी : फाटक की वजह से लोगों को इंतजार करना पड़ता है। जगतपुरा आरओबी से होकर आगे जाना पड़ता है।

ऐसे होती देरी...शहरवासी होते परेशान

महारानी फार्म से गुजरने वाली द्रव्यवती नदी पर रपट का काम सात माह से चल रहा है। पहले 25 जून, फिर जुलाई और अब 20 अगस्त तक काम पूरा करने का दावा जेडीए कर रहा है। जबकि, इस रपट से रोज डेढ़ लाख वाहन चालकों को आवाजाही होती थी। यहां से वाहन चालक गुजरते थे, उन सभी की गोपालपुरा हाईलेवल ब्रिज और बी टू बाइपास चौराहे होते हुए आवाजाही हो रही है। जहां डायवर्जन है, वहां पीक आवर्स में एक घंटा ज्यादा लगता है।

टॉपिक एक्सपर्ट

छोटे रास्तें भी तलाशें, उन पर सड़क बनाए, अतिरिक्त यातायात पुलिसकर्मी लगाएं

शहर में बढ़ते यातायात दबाव को देखते हुए जेडीए प्रोजेक्ट भी जरूरी हैं। इसके साथ-साथ निर्माण के समय भी लोगों की सुविधा का ध्यान रखा जाना जरूरी है। आमतौर पर ऐसे मार्ग स्वत: ही वैकल्पिक बन जाते हैं, जिन्हें सब जानते हैं। लंबे चलने वाले और बड़े प्रोजेक्ट से पहले एमएनआइटी जैसे संस्थानों से उसके आस-पास वैकल्पिक रास्ते तलाशने की स्टडी करवाई जा सकती है। बड़े मार्गों के साथ छोटे-छोटे विकल्प भी देखने चाहिए। ऐसे रास्तों पर सड़के टूटी हुई हैं या नहीं है तो उन्हें पहले बनाना चाहिए। हाल ही अजमेर रोड पर काम चला तो लोग खेतों में होकर कच्चे रास्तों से निकलते थे। ऐसे रास्तों को अस्थायी तौर पर डामर युक्त भी बनाया जा सकता था। निर्माण के कारण जिन मार्ग पर रूट डायवर्ट होता है। वहां अतिरिक्त यातायात पुलिसकर्मी नियुक्त किए जाने चाहिए। प्रोजेक्ट चालू रहने के साथ-साथ यातायात भी संचालित रहता है। ऐसे में वहां मानकों के अनुरूप सुरक्षा की जाए। ट्रैफिक पुलिस और जेडीए अधिकारियों के बीच समन्वय होना चाहिए ताकि, वैकल्पिक रास्तों पर लोगों की आवाजाही हो सके। अस्थायी पुलिसकर्मी और गार्ड तैनात किए जाएं। निर्माण में कोई बदलाव किया जा रहा है तो सोशल मीडिया हैंडल का भी उपयोग करना चाहिए।

-नेहा खुल्लर, कार्यकारी निदेशक, मुस्कान फाउंडेशन फॉर रोड सेफ्टी

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सीबीआइ फाटक के पास जगतपुरा पुलिया है। वहीं, सालिगरामपुरा आरओबी के पास एक अंडरपास है और रिंग रोड का भी विकल्प सुगम यातायात के लिए है। वहीं, एलिवेटेड रोड का काम चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। उसी के हिसाब से डायवर्जन किया जाएगा। जल्द ही यातायात पुलिस के साथ बैठक कर रूपरेखा तय करेंगे।

-देवेंद्र गुप्ता, निदेशक, अभियांत्रिकी शाखा, जेडीए