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राजस्थान में पहली बार रेरा बना ‘विक्रेता’, बिल्डरों की मनमानी पर लगाम; घर खरीदने वालों को मिली बड़ी राहत

Rajasthan News: सपनों का आशियाना खरीदने के बाद भी रजिस्ट्री और कब्जे के लिए वर्षों से बिल्डरों के चक्कर काट रहे हजारों लोगों के लिए राहत की पहली मिसाल बनी है।

Rajasthan-RERA
पत्रिका फाइल फोटो

जयपुर। सपनों का आशियाना खरीदने के बाद भी रजिस्ट्री और कब्जे के लिए वर्षों से बिल्डरों के चक्कर काट रहे हजारों लोगों के लिए राहत की पहली मिसाल बनी है। राजस्थान रेरा ने पहली बार खुद को फ्लैट का ’विक्रेता’ घोषित कर रजिस्ट्री करवाई और खरीदार को मौके पर कब्जा दिलवाया। यह कदम न सिर्फ सख्त प्रशासनिक संदेश है, बल्कि उन लोगों के लिए उम्मीद की किरण भी है, जो बिल्डरों की मनमानी के शिकार हैं।

रेरा ने यह कार्रवाई रेरा अधिनियम और सिविल प्रक्रिया संहिता के तहत की, जिसमें स्पष्ट प्रावधान है कि यदि बिल्डर सेल डीड नहीं कराता, तो रेरा खुद रजिस्ट्री करा सकता है। रेरा चेयरपर्सन वीनू गुप्ता के आदेश के बाद, रजिस्ट्रार आर.एस. कुलहरी ने सेल डीड पर खुद बतौर विक्रेता हस्ताक्षर कर खरीदार को राहत दी।

बिल्डर नहीं आया, रेरा ने निभाई भूमिका

रेरा चेयरपर्सन वीनू गुप्ता के इस आदेश को नजीर माना जा रहा है। रेरा ने यह कार्रवाई रेरा एक्ट और सिविल प्रोसीजर कोड के तहत की है। प्रावधान है कि यदि विक्रेता सेल डीड नहीं कराता है तो रेरा खुद बतौर विक्रेता खरीददार के पक्ष में रजिस्ट्री करा सकता है। इस मामले में रजिस्ट्रार आर.एस. कुलहरी ने सेल डीड पर हस्ताक्षर किए।

इन मामलों में भी दिए आदेश

1. हिना हरीश सागर बनाम शिवाय अफोर्डेबल होम्स: गुलमोहर पार्क योजना में 14.95 लाख में फ्लैट खरीदा। 11.95 लाख देने के बाद भी बिल्डर ने कब्जा और रजिस्ट्री नहीं कराई। सुनवाई में भी अनुपस्थित रहा। रेरा ने खुद रजिस्ट्री कराने का आदेश दिया है।

2. मुकेश चंद मित्तल बनाम विवासिटी मॉल प्राइवेट लिमिटेड: 32 लाख की दुकान बुक कराई, जिसमें से 30.39 लाख जमा करा दिए। इसके बावजूद बिल्डर ने कब्जा देने में देरी की और आवंटन रद्द कर यूनिट तीसरे पक्ष को बेच दी। रेरा और अपीलीय न्यायाधिकरण, दोनों ने खरीदार के पक्ष में आदेश दिए।



प्रतापनगर: 2017 में तय थी रजिस्ट्री

प्रताप नगर स्थित ‘अरन्या’ ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट में नवल किशोर विजय और अनीता खंडेलवाल ने 59.60 लाख रु में फ्लैट खरीदा था। 17 जुलाई 2016 तक पूरा भुगतान कर दिया और 15 अगस्त 2017 तक कब्जा व रजिस्ट्री होनी थी,लेकिन बिल्डर ने न कब्जा दिया, न रजिस्ट्री, बल्कि फ्लैट किसी और को बेच दिया। पीड़ितों ने शिकायत की तो रेरा ने बिल्डर को 45 दिन में कब्जा और रजिस्ट्री करने का आदेश दिया, लेकिन वह टालता रहा। फिर रेरा ने यूनीक ड्रीम बिल्डर, महेन्द्र कुमार, नरेन्द्र कुमार सनाढ्य के खिलाफ आदेश देते हुए रजिस्ट्री करवा दी।

यहां लें जानकारी

रेरा वेबसाइट पर सर्च का विकल्प है। इसमें प्रोजेक्ट का नाम, रजिस्ट्रेशन नम्बर या प्रमोटर नाम से ही प्रोजेक्ट सर्च किया जा सकता है। इसमें संबंधित प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन से लेकर उसका नक्शा, निर्माण के हर चरण की जानकारी मिलेगी। प्रोजेक्ट पूर्ण अवधि, कारपेट एरिया की जानकारी भी पता की जा सकती है। साथ ही जिस आवासीय या कॉमर्शियल प्रोजेक्ट में आप प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, क्या वह रजिस्टर्ड भी है या नहीं।

रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी में करें शिकायत

रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी का मुख्यालय जयपुर के उद्योग भवन परिसर में है। यहां फोन नम्बर 0141-2851900 पर शिकायत की जा सकती है। इसके अलावा complaint.rera@rajasthan.gov.in पर ई-मेल कर सकते हैं।