Jaipur Swachhata ka Sanskar: जयपुर। शहर में गुरुवार को डिग्गी कल्याणजी की 60वीं लक्खी पदयात्रा निकली, लेकिन जिम्मेदार महकमे नींद में ही रहे। बारिश ने भीगी राहें बना दीं, ताड़केश्वर मंदिर से रवाना हुए पदयात्रियों ने उन्हें पवित्र पथ मान लिया लेकिन नगर निगम ने उसे कचरे का रास्ता बना डाला और ट्रैफिक पुलिस ने जैसे आंखों पर पट्टी बांध ली। यह सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं था, यह आस्था की परीक्षा थी, जिसमें श्रद्धालु तो पास हो गए, लेकिन व्यवस्था बुरी तरह फेल।
बारिश से पहले ही शहर की ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा चुकी थी। ऐसे में लाखों श्रद्धालुओं के हुजूम, टूटी सड़कों और जगह-जगह जलभराव के बीच यातायात पुलिस की कोई पूर्व योजना न होने से पदयात्रियों के साथ ही आम नागरिक भी दिनभर परेशान रहे। टोंक फाटक, लालकोठी, रामबाग, दुर्गापुरा, सांगानेर थाना पुलिया जैसे इलाकों में घंटों लंबा जाम लगा रहा।
जयपुर के दोनों नगर निगम- हैरिटेज और ग्रेटर ने केवल भंडारों के आसपास ही कचरा पात्र रखवाए। पदयात्रा मार्ग के अधिकांश हिस्सों में कचरा पात्र नदारद रहे, जिससे श्रद्धालुओं को बीच रास्ते ही कचरा फेंकना पड़ा। बारिश के बीच जगह-जगह डिस्पोजेबल गिलास, प्लेट और पॉलिथीन फैली रही। चारदीवारी से टोंक रोड तक सड़कों पर सड़ता कचरा शाम तक बदबू मारता रहा।
हैरिटेज नगर निगम ने त्रिपोलिया बाजार, चौड़ा रास्ता, न्यू गेट, बापू बाजार में सफाईकर्मी तैनात किए तो ग्रेटर निगम ने सांगानेर तक का जिम्मा लिया, लेकिन कई जगह सफाई नहीं हो सकी। बारिश के चलते कचरा और अधिक फैल गया, जिससे हालात और बिगड़ते चले गए।
राजनीतिक रैलियों के लिए खास प्लान बनाती पुलिस इस बार पदयात्रा को लेकर पूरी तरह सुस्त रही। न बैरिकेडिंग हुई, न किसी स्थान पर श्रद्धालुओं के लिए अलग कॉरिडोर बनाया गया। लोग अपने वाहनों में घंटों फंसे रहे। लालकोठी से गांधी नगर रेलवे स्टेशन तक की दूरी तय करने में एक घंटे तक का समय लग गया।
पूरे मार्ग में कई जगहों पर न विश्राम की व्यवस्था थी, न किसी तरह की सहायता। बारिश में भीगते बुजुर्ग और महिलाएं थकान से जूझते नजर आए। पदयात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक जीवंत परंपरा है, जो हर साल लाखों लोगों को जोड़ती है। इसके बावजूद जिला प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कार्य योजना नहीं बनाई गई।
Q. पदयात्रियों की सुविधा के लिए क्या इंतजाम किए गए?
Q. डस्टबिन, वैरिकेडिंग और यातायात योजना क्यों नहीं बनी, जबकि तारीख पहले से तय थी?
Q. आप कुछ नहीं कर पाए, तो जिम्मेदारी किसकी है?
पदयात्रा मार्ग पर लगातार सफाई करवाई गई। हूपर भी तय अंतराल पर चल रहे थे।
चौड़ा रास्ता सहित अन्य स्थानों पर पहले से कचरा पात्र लगे हुए है।
स्थायी इंतजाम पहले से है। कचरा फैलने के बाद हूपर सफाई के लिए लगाए गए थे।
-निधि पटेल, आयुक्त, हैरिटेज निगम
जैरी ही कचरा फैला सफाईकर्मी सक्रिय हो गए। कचरा पात्र भी पहले से साफ करवाए थे।
कुछ जगह संभव है नहीं, लेकिन हूपर चल रहे थे और सफाई हो रही थी।
हमने इंतजाम किए थे लेकिन भीड़ के कारण वे नाकाफी साबित हुए।
-गौरव सैनी, आयुक्त, ग्रेटर निगम
जिला कलक्टर जितेंद्र सोनी अवकाश पर रहे। उन्होंने एडीएम संतोष मीणा से संपर्क करने को कहा। मीणा ने ही सवालों के जवाब दिए।
यात्रा के लिए एसओपी बनी है। संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं।
सफाई और कानून व्यवस्था की जिम्मेदारियां पहले ही तय कर दी गई थीं।
यदि कहीं खामियां नजर आ रही हैं तो संबंधित एजेंसियों को सख्ती से निर्देशित किया जाएगा।
Updated on:
01 Aug 2025 03:08 pm
Published on:
01 Aug 2025 07:52 am