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Rajastjan Police Alert: डिलीवरी बॉक्स बन रहे डेटा चोरी का जरिया, बॉक्स पर छपे नाम, मोबाइल नंबर का स्कैमर्स कर रहे दुरुपयोग

Online Shopping Risks: डिलीवरी बॉक्स पर होती है आपकी पहचान। लिंक भेजकर फीडबैक या डिस्काउंट का झांसा दे सकते हैं स्कैमर। क्लिक करते ही मैलवेयर के जरिए आपके साथ हो सकती है साइबर ठगी। डिलीवरी बॉक्स फेंकने से पहले उस पर लिखी पर्सनल जानकारी नष्ट करें। अंजान लिंक या ऑफर से बचें — सतर्क रहें, सुरक्षित रहें क्योकि सावधानी ही सुरक्षा है।

जयपुर

MOHIT SHARMA

Aug 05, 2025

Photo: Patrika Network
Photo: Patrika Network

Delivery Box Scam: जयपुर. ऑनलाइन शॉपिंग की बढ़ती लोकप्रियता के साथ डिलीवरी बॉक्स हमारे घरों का हिस्सा बन गए हैं। ये बॉक्स सिर्फ आपके ऑर्डर ही नहीं, बल्कि आपकी निजी जानकारी भी स्कैमर्स तक पहुंचा सकते हैं? साइबर अपराधी डिलीवरी बॉक्स पर छपी व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग कर डेटा चोरी और ठगी को अंजाम दे रहे हैं। यह एक गंभीर खतरा बनता जा रहा है, और विशेषज्ञों ने इसके प्रति सतर्क रहने की चेतावनी दी है। आप डिलीवरी बॉक्स खोलें, तो याद रखें: सतर्कता ही आपकी सबसे बड़ी ढाल है। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें!

ऐसे बन रहे हैं डिलीवरी बॉक्स खतरा

लोग अक्सर डिलीवरी बॉक्स को सामान्य कचरे की तरह फेंक देते हैं, लेकिन यह एक बड़ा जोखिम है। स्कैमर्स छोटी-छोटी जानकारी से भी बड़े अपराध को अंजाम दे सकते हैं। सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। डिलीवरी बॉक्स पर अक्सर ग्राहक का नाम, पता, मोबाइल नंबर, और कभी-कभी ऑर्डर डिटेल्स जैसी संवेदनशील जानकारी छपी होती है। स्कैमर्स इन बॉक्सेस को कूड़ेदानों या खुले में पड़े देखकर आसानी से यह जानकारी हासिल कर लेते हैं। इसके बाद, वे इस डेटा का उपयोग फर्जी कॉल्स, मैसेज, या ईमेल के जरिए ठगी करने के लिए करते हैं।

लिंक क्लिक करते ही मैलवेयर डिवाइस में

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, स्कैमर्स अक्सर फर्जी लिंक भेजकर "फ़ीडबैक" या "डिस्काउंट ऑफर" का लालच देते हैं। इन लिंक्स पर क्लिक करते ही मैलवेयर ( Malware Attacks ) आपके डिवाइस में प्रवेश कर सकता है, जिससे आपका बैंक खाता, पासवर्ड, या अन्य निजी जानकारी चोरी हो सकती है। कुछ मामलों में, स्कैमर्स फोन कॉल्स के जरिए ओटीपी मांगकर सीधे आपके खाते से पैसे उड़ा लेते हैं।

हालिया मामले और आंकड़े

हाल के एक सर्वे में, भारत में 2024 में साइबर ठगी के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई, जिनमें से एक बड़ा हिस्सा फिशिंग और डेटा चोरी से जुड़ा था। राजस्थान पुलिस और साइबर सेल ने लोगों को इस खतरे के प्रति चेताया है। जानकारी के अनुसार डिलीवरी बॉक्स से प्राप्त जानकारी का दुरुपयोग कर देशभर में अलग-अलग स्थानों पर सैकड़ों लोगों को निशाना बनाया गया।

कैसे रहें सुरक्षित?

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने डिलीवरी बॉक्स से जुड़े खतरों से बचने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं।

  • कैश ऑन डिलीवरी: पार्सल को खोलकर ही पेमेंट करें।
  • पर्सनल जानकारी नष्ट करें: डिलीवरी बॉक्स फेंकने से पहले उस पर लिखे नाम, नंबर, और पते को पूरी तरह मिटा दें।
  • अंजान लिंक्स से बचें: डिलीवरी से संबंधित कोई भी मैसेज या लिंक प्राप्त होने पर उसे तुरंत खोलने से बचें।
  • डिलीवरी डिटेल्स की जांच: ऑनलाइन शॉपिंग करते समय डिलीवरी लेबल पर कम से कम व्यक्तिगत जानकारी दें। कुछ कंपनियां अब गोपनीय लेबलिंग की सुविधा देती हैं।
  • सुरक्षित डिस्पोजल: डिलीवरी बॉक्स को रीसाइक्लिंग सेंटर में जमा करें या सुरक्षित तरीके से नष्ट करें ताकि जानकारी गलत हाथों में न जाए।
  • साइबर जागरूकता: अपने परिवार को फिशिंग स्कैम और मैलवेयर के खतरों के बारे में जागरूक करें।

सरकारी पहल

भारत सरकार ने साइबर अपराधों से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल (ष्4ड्ढद्गह्म्ष्ह्म्द्बद्वद्ग.द्दश1.द्बठ्ठ) पर शिकायत दर्ज करने की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही, साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि लोग डिजिटल खतरों से सतर्क रहें।