राजस्थान में जर्जर इमारतों से होने वाली दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सरकार एक्शन मोड में आ गई है। अब तक 4276 जर्जर भवन चिह्नित किए जा चुके हैं। इनमें से 175 को ध्वस्त और 205 को सील किया गया है। वहीं, 1533 इमारतों पर कार्रवाई लंबित है। जबकि 2362 जर्जर इमारतों को उनके मालिकों को हटाने के लिए कहा गया है। इनमें से कई संपत्ति कानूनी विवाद में फंसी हुई हैं।
स्वायत्त शासन विभाग ने सभी नगर निकायों को जर्जर भवनों को सील या ध्वस्त करने कर उसकी रिपोर्ट मांगी है। साथ ही ऐसे भवनों के आगे चेतावनी बोर्ड लगाना सुनिश्चित करने के लिए कहा है। इसमें लापरवाही नहीं बरतने के लिए चेताया गया है। टॉप तीन में जोधपुर शहर है, जिसमें दोनों नगर निगम उत्तर व दक्षिण में 322 जर्जर भवन हैं। वहीं, बीकानेर में 150 और जयपुर हैरिटेज में 126 भवन चिह्नित किए गए हैं।
डूंगरपुर, उदयपुर, हनुमानगढ़, बहरोड, नागौर, राजसमंद, जयपुर ग्रेटर, आमेट नगरीय निकाय।
बिजोलिया में 35, बीकानेर में 30, मंगरोल में 20, शाहपुरा में 15, सिसवाली में 13, जयपुर हैरिटेज में 11, खंडेला में 10, मारवाड़ जंक्शन व इन्द्रगढ़ में 8-8, बारां में 7 भवन सील किए गए।
डीग में 11, जोबनेर में 10, छोटी सादड़ी में 10, कोटा उत्तर में 8, बुहाना व जालरे में 7-7, हमीरगढ़, बालोतरा, सागवाडा़ में 6-6 और मेड़ता सिटी में 5 भवनों को ध्वस्त किया गया है।
जोधपुर दक्षिण- 175
बीकानेर- 150
जोधपुर उत्तर- 147
जयपुर हैरिटेज- 126
पाली- 97
बारां- 90
ब्यावर- 85
जालोर- 83
सवाईमाधोपुर- 75
चितौड़गढ़- 73
Published on:
05 Aug 2025 07:46 am