आरजीएचएस योजना में लगातार घोटाला सामने आ रहा है। जयपुर सहित कई जिलों में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद अब हर जिले में जांच हो रहीं है, ताकी घोटाले का मालूम किया जा सके। सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए शुरू की गई आरजीएचएस योजना सवालों के घेरे में आ गई है। करोड़ों रुपए के इस घोटाले को प्रदेश के सबसे संगठित हेल्थ इंश्योरेंस फ्रॉड में गिना जा रहा है। आरजीएचएस की जांच में अब तक स्वास्थ्य विभाग के निशाने पर प्रदेश में 20 से ज्यादा डॉक्टर आ चुके है। जिनके खिलाफ विभागीय जांच की जा रहीं है। वहीं मेडिकल स्टोर्स के मिलीभगत से यह खेल चल रहा था। जिसमें अब तक प्रदेश में 275 मेडिकल स्टोर्स पर जांच की जा चुकी है। जिनके खिलाफ भी जांच कार्रवाई जारी है।
मार्च 2025 में जब वित्त और स्वास्थ्य विभाग ने एक संयुक्त ऑडिट शुरू किया, तब पहली बार शक की सुई कुछ जिलों की मेडिकल स्टोर्स और डॉक्टरों पर घूमी। धीरे-धीरे जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित डेटा एनालिसिस हुआ तो खुलासा हुआ कि सरकारी कर्मचारियों के नाम पर बार-बार एक ही दवाएं, भारी बिल, बिना ओपीडी या एडमिशन के क्लेम और फर्जी पर्चियों के जरिए रुपए निकाले गए। जिसके बाद यह घोटाला उजागर हुआ। जांच अभी भी जारी है। आने वाले समय में कई ओर डॉक्टर इस फर्जीवाड़े में पकड़े जा सकते है।
प्रदेश में अब तक 275 मेडिकल स्टोर्स पर जांच कार्रवाई की गई
इनमें से 30 स्टोर्स के लाइसेंस स्थाई रूप से रद्द किए
33 स्टोर्स को अस्थाई रूप से निलंबित किया गया
20 से ज्यादा डॉक्टरों के खिलाफ विभागीय जांच जारी
5 जिलों में जांच समिति गठित
फर्जीवाड़े के सबसे ज्यादा मामले अलवर जिले से सामने आए। जहां 11 डॉक्टरों को नोटिस दिया गया है। यहां फर्जी पर्चियों पर दवाएं जारी कर फर्जी भुगतान लिया गया। जयपुर में एसएमएस जैसे बड़े सरकारी अस्पताल में एक डॉक्टर को निलंबित किया गया और करीब दस मेडिकल स्टोर पर कार्रवाई की गई। नागौर में 6 मेडिकल दुकानों पर सीधी कार्रवाई की गई जबकि भरतपुर, जोधपुर और सीकर जैसे जिलों में भी बड़ी गड़बड़ियां सामने आई।
Published on:
21 Jul 2025 02:07 pm