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Free Diagnostic Services: राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा बदलाव, घर बैठे मिलेगी रिपोर्ट, जानिए सरकार की नई योजना

Hub and Spoke Model: अब गांव में भी मिलेंगी शहर जैसी जांच सुविधाएं? जानिए सरकार की नई योजना, राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा बदलाव, घर बैठे रिपोर्ट मिलेगी, -जांच के लिए अब नहीं जाना पड़ेगा दूर... सरकार ला रही है नया सिस्टम।

जयपुर

Rajesh Dixit

Aug 05, 2025

एमओयू पर हस्ताक्षर स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर और प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ की उपस्थिति में हुए। फोटो-पत्रिका
एमओयू पर हस्ताक्षर स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर और प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ की उपस्थिति में हुए। फोटो-पत्रिका

Rajasthan Health Services: जयपुर। राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ और सुलभ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। अब प्रदेश के गांवों और कस्बों तक भी शहर जैसी अत्याधुनिक जांच सुविधाएं पहुंचेंगी। इसके लिए हब एवं स्पॉक मॉडल को अपनाते हुए एक व्यापक योजना बनाई गई है, जिसके अंतर्गत पूरे प्रदेश में जांच सेवाओं को एक नेटवर्क के माध्यम से जोड़ा जाएगा।

उल्लेखनीय है कि निःशुल्क जांच सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए भारत सरकार की ओर से हब एवं स्पॉक मॉडल अपनाने की पहल की गई है। इसी क्रम में राजस्थान में भी यह मॉडल लागू किया जा रहा है ताकि गांव-कस्बों तक रोगियों को जांच की समुचित सुविधाएं सुगमता से उपलब्ध हों। यह मॉडल लागू होने से चिकित्सा संस्थानों में जांचों की संख्या में वृद्धि होगी एवं जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के समय में भी कमी आएगी।

इस नई व्यवस्था के तहत प्रदेश में 42 मदर लैब, 135 हब लैब और 1335 स्पॉक्स (सैटेलाइट सेंटर) चिन्हित किए गए हैं। मदर लैब में 145 प्रकार की जांचें इन-हाउस की जाएंगी, जबकि हब लैब और स्पॉक्स में भी कई जांचें स्थानीय स्तर पर होंगी और बाकी सैंपल मदर लैब तक भेजे जाएंगे। इससे जांच रिपोर्ट की सटीकता के साथ-साथ समयबद्धता भी सुनिश्चित होगी।

इतनी होंगी जांचेें

इस मॉडल के माध्यम से जिला चिकित्सालयों में 145, उप जिला और सैटेलाइट अस्पतालों में 117, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 101 तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और डिस्पेंसरियों में 66 प्रकार की जांचें उपलब्ध करवाई जाएंगी। सभी सेवाएं आउटसोर्स मोड पर संचालित होंगी ताकि संचालन में दक्षता और तकनीकी गुणवत्ता बनी रहे।

एमओयू पर किए हस्ताक्षर

एमओयू पर हस्ताक्षर स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर और प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ की उपस्थिति में हुए। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डॉ. अमित यादव, टेलीकम्युनिकेशंस इंडिया लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक अरुण डागर तथा कृष्णा डायग्नोस्टिक लिमिटेड की पल्लवी जैन भी मौजूद रहीं।

सेवा प्रदाता द्वारा सभी लैब्स में यूएसएफडीए और यूरोपियन सीई सर्टिफाइड उपकरण लगाए जाएंगे। रिएजेंट्स, कंज्यूमेबल्स और मानव संसाधन भी वही उपलब्ध कराएंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि मरीजों को अब रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए अस्पताल जाने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि रिपोर्टें ऑनलाइन घर बैठे उपलब्ध कराई जाएंगी।