अखिल भारतीय गौशाला सहयोग परिषद की राष्ट्रीय बैठक में देश के 11 राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए परिषद के अंतरराष्ट्रीय संयोजक डॉ. अतुल गुप्ता ने कहा कि राजस्थान वर्ष 2030 तक भारत का पहला "संपूर्ण जैविक राज्य" बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने बताया कि यह संकल्प प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह की "गौ आधारित अर्थव्यवस्था" की नीति से प्रेरित है।
डॉ. गुप्ता ने कहा कि वर्तमान में राजस्थान में 6,000 से अधिक रजिस्टर्ड गौशालाएं हैं, जिनमें से 70% ग्रामीण जैविक कृषि से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हैं। आगामी 5 वर्षों में 25 लाख हेक्टेयर भूमि को प्राकृतिक खेती के दायरे में लाने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 1.20 लाख किसानों को जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जा चुका है और 2027 तक यह संख्या 5 लाख तक पहुँचाने का रोडमैप तैयार किया गया है।
राज्य के 75 जिलों में "गौ-ग्राम" योजना के अंतर्गत जैविक कृषि क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति मिशन के अंतर्गत राजस्थान को अभी तक 870 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्राप्त हो चुकी है।
राजस्थान को अगले दो वर्षों में विशेष जैविक राज्य का दर्जा दिलाने के लिए कार्य योजना तैयार की जा चुकी है। इसके तहत गौशालाओं को एमएसएमई इकाई, जैविक उत्पादों की यूनिट को सब्सिडी और जैविक एमएसपी जैसी योजनाएं शामिल हैं।बैठक में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, दिल्ली सहित 11 राज्यों के प्रतिनिधियों ने राजस्थान को ‘राष्ट्रीय जैविक राजधानी’ बनाने में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
Published on:
28 Jul 2025 01:35 pm